
नई दिल्ली, 8 सितम्बर: चाहे आप पुराने दर्द से जूझ रहे हों, सर्जरी से उबर रहे हों, या एथलेटिक प्रदर्शन को बेहतर बनाना चाहते हों, डीप ऑसिलेशन थेरेपी एक बेहतर विकल्प प्रदान करती है। जैसे-जैसे अधिक फिजियोथेरेपिस्ट इस तकनीक को अपने अभ्यास में शामिल कर रहे हैं, मरीजों को तेजी से राहत मिल रही है। साथ ही ठीक होने में समय भी कम लग रहा है।
यह जानकारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग की प्रमुख डॉ. पूजा सेठी ने सोमवार विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर दी। उन्होंने कहा, यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसी पुरानी दर्द की स्थितियों से लेकर गठिया, लिम्फेडेमा (कैंसर), सर्जरी के बाद की सूजन और फाइब्रोमायल्जिया तक में लाभकारी है। डीप ऑसिलेशन थेरेपी मरीज को पांच से सात सिटिंग में लाभ पहुंचाती है। यह महिलाओं और बच्चों दोनों के लिए फायदेमंद है। यह बॉडी इंप्लांट पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं डालती है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. अशोक कुमार और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक दीवान ने डीप ऑसिलेशन थेरेपी केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, डीप ऑसिलेशन थेरेपी यूनिट और रोबोटिक स्कैनिंग लेजर थेरेपी यूनिट से मरीजों को काफी लाभ होगा। इन नवीन तकनीक आधारित मशीनों से आरएमएल अस्पताल की पुनर्वास सेवाओं को और अधिक मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। यह विशेष रूप से पुराने दर्द, लिम्फेडेमा और सर्जरी के बाद की सूजन जैसी स्थितियों में मरीज को जल्द राहत प्रदान करेंगी।
क्या है डीप ऑसिलेशन थेरेपी?
डीप ऑसिलेशन थेरेपी दर्द निवारण की अभिनव पद्धति है। यह शरीर के ऊतकों में कोमल कंपन या माइल्ड वाइब्रेशन उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रोस्टैटिक आवेगों का उपयोग करती है, जिससे मांसपेशियों की अधिक गहराई तक मालिश होती है। अकड़न कम होती है। ये कंपन दर्द को कम करने, रक्त संचार में सुधार करने और उपचार में तेजी लाने में मदद करते हैं। साथ ही सर्जरी और मधुमेह से संबंधित घावों के उपचार में तेजी लाती है, जिससे घाव जल्दी भरते हैं।
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