
नई दिल्ली, 17 अगस्त : स्वस्थ बच्चों के माध्यम से ही स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सकती है जिसकी तस्दीक आयुर्वेद भी करता है। ऐसे में बाल रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य संवर्धन को लेकर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) की ओर से आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी आयुर्वेद विशेषज्ञों के लिए उपयोगी साबित होगी। यह बातें आयुष और स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने रविवार को नई दिल्ली में कहीं।
उन्होंने कहा, मैंने आयुर्वेद के माध्यम से समग्र बाल स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने वाली पहलों का हमेशा से पुरजोर समर्थन किया है। मुझे विश्वास है कि कल और परसों होने वाले विचार-विमर्श चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और छात्रों की जानकारी को समृद्ध करेंगे और आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय के तहत 18-19 अगस्त को स्कोप कॉम्प्लेक्स सभागार, लोधी रोड दिल्ली में आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा में रोग एवं स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
जाधव ने कहा, आयुष केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि यह जीवन के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है। आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक पद्धतियों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ एकीकृत करके, हम समाज के हर वर्ग, विशेषकर हमारे बच्चों जो राष्ट्र का भविष्य हैं, उनका स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकते हैं। दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रसिद्ध विद्वान, चिकित्सक, शोधकर्ता और छात्र बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण और समकालीन साक्ष्य-आधारित प्रणाली पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच पर आएंगे।
सचिव और पद्मश्री से सम्मानित वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, आरएवी आयुर्वेद के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और छात्रों को इस राष्ट्रीय प्रयास में शामिल होने और आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में योगदान देने के लिए आमंत्रित करता है। संगोष्ठी में भाग लेने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।