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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बैठक में 8 प्रस्ताव पास

उत्तर प्रदेश, नोएडा: -चाणक्य साफ्टवेयर पकड़ेगा वित्तीय गलती, 12 साल से खाली प्लाट होंगे निरस्त

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक हुई। बैठक में 37 प्रस्तावों को रखा गया। जिसमें आठ प्रस्तावों को पास कर दिया गया। जबकि बाकी के मिनट्स शासन को भेजे गए है। सात से आठ दिन में शासन स्तर से इन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता दीपक कुमार, अवस्थापन एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने की। बैठक में आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास विभाग और रविकुमार एनजी सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और लोकेश एम सीईओ नोएडा प्राधिकरण मौजूद रहे।

बैठक की शुरुआत बिल्डर बायर्स पर अमिताभ कांत की सिफारिश की शर्तों को लेकर थी। जिसे प्राधिकरण में लागू किया जा चुका है। 29 सितंबर तक कुल 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 35 बिल्डर परियोजनाओं ने इस आदेश का लाभ लिया। 25 प्रतिशत राशि के सापेक्ष इन बिल्डरों ने 528.13 करोड़ जमा कराए। छह बिल्डर ऐसे है जिन्होंने पूरा जमा करा दिया। 13 ऐसे 25 प्रतिशत के सापेक्ष आंशिक धनराशि करीब 28.60 करोड़ जमा कराई। इन पैसों से करीब 5758 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो सकती है। जिसमें से अब तक 3724 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो गई है। बोर्ड ने निर्णय लिया कि ऐसे 10 बिल्डर परियोजनाएं जिनकी की ओर से सहमति के बाद भी बकाया नहीं दिया गया। 13 ने आंशिक पैसा जमा किया। वहीं 35 जिन्होंने 25 प्रतिशत के अलावा पैसा जमा नहीं किया गया। जबकि इन 35 को और पैसा जमा करने के लिए प्राधिकरण की ओर से नोटिस और समय दोनों दिया गया। प्राधिकरण की बोर्ड इसे शासनादेश के प्रतिकूल मानती है। साथ ही निर्णय लिया गया कि शासनादेश के तहत दिए जाने वाले लाभ की तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी और बकायदारों की वसूली प्राधिकरण नियम से होगी।

चाणक्य साफ्टवेयर रहेगा वित्तीय नजर
नोएडा प्राधिकरण में प्रहरी साफ्ट वेयर के साथ एक चाणक्य साफ्टवेयर भी लॉन्च किया जा रहा है। ये साफ्टवेयर प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग, कॉन्ट्रैक्ट, कॉन्ट्रेक्टर मैनेजमेंट, परियोजनाओं की मॉनिटरिंग एवं भुगतान का पूरा विवरण ऑनलाइन रखेगा।
प्राधिकरण की ओर से परियोजना का बजट तैयार कर उसे शुरू करने से लेकर अंतिम रूप दिए जाने का पूरा ब्योरा, जिसमें ठेकेदार को भुगतान किये जाने तक का पूरा विवरण ऑनलाइन मिल सकेगा।

12 साल से खाली भूखंडों का आवंटन होगा निरस्त
ऐसे भूखंड आवासीय और ग्रुप हाउसिंग भूखंड जिन पर 12 साल अधिकतम टाइम एक्सटेंशन के बाद भी निर्माण नहीं किया गया है। भूखंड खाली है इनको निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
ऐसे करीब 11 भूखंडों की सूची प्राधिकरण के वर्क सर्किल की ओर से दी गई है। जबकि 9 ऐसे भूखंड है जिन पर आंशिक निर्माण किया गया है या वो निर्माणाधीन है। ऐसे भूखंडों पर आवंटी को निर्माण पूरा कर अधिभोग प्रमाण पत्र लेने के लिए छह महीने का समय दिया गया है। इसके बाद किसी प्रकार का समय नहीं दिया जाएगा।

300 टीडीपी का बनेगा इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लांट
नोएडा में वर्तमान में 1000 टीडीपी कूडा निकल रहा है। भविष्य में 1200 से लेकर 1500 टीडीपी कूड़ा होगा। प्राधिकरण का एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड कुल 600 टीडीपी के निपटारे का एग्रीमेंट है। प्लांट लगाने का 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा डिसेंट्रलाइज्ड इंटीग्रेटेड म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट 40 टीडीपी के 6 यानी 240 टीडीपी लगाए जाएंगे। अब प्राधिकरण प्राधिकरण 300 टीडीपी का एक नया इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट और लगाने जा रहा है। जिसकी क्षमता को बढ़ाकर 500 की जा सकती है। यहां एक ही स्थान पर गीले और सूखे कूड़े का निवारण हो जाएगा। इसे सेक्टर-145 में 19.5 एकड़ या अस्तौली में 16.66 एकड़ में लगाया जा सकता है।

4 एसटीपी की होगी रिट्रोफिटिंग, 87 करोड़ होंगे खर्च
NGT एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में शोधित जल की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए चार एसटीपी जिसमें 25 एमएलडी एसटीपी सेक्टर-50, 33 एमएलडी एसटीपी सेक्टर-54, 35 एमएलडी एसटीपी सेक्टर-123 और 50 एमएलडी एसटीपी सेक्टर-168 के सीवेज संशोधन संयंत्रों की रिट्रोफिटिंग कार्य किया जाएंगे। इसके लिए करीब 87.6 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

24 ड्रेनों में प्रदूषण स्तर होगा कम
नोएडा में 24 ड्रेनों में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए एफबीएस (Fixed Bed Biofilm Activated Sludge) की तकनीक पर शोधन प्रक्रिया की जाएगी। यह पद्धति CPHEEO manual में भी शामिल है। क्षेत्र में स्थापित 24 ड्रेनों में नीरी द्वारा 11 ड्रेन पर एसटीपी के निर्माण के लिए सीपीसीबी से राय लिया जाएगा। मंजूरी मिलने पर इस कार्य को समय से पूरा कराया जाएगा।

जल्द लॉन्च की जाएगी योजना
यूनीफाइड रेगुलेशन 2025 को शामिल करते हुए प्राधिकरण के संस्थागत विभाग की ओर से कॉलेज, सीनियर सेकेंड्री स्कूल व नर्सिंग होम के लिए भूखंडों की योजना जल्द लाई जाएगी। इसके लिए ब्रोशर को पास कर दिया गया है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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