रेलवे क्रॉसिंग पर बनेगा छह लेन का आरओबी, 194 करोड़ रुपये आएगी लागत
रेलवे क्रॉसिंग पर बनेगा छह लेन का आरओबी, 194 करोड़ रुपये आएगी लागत

अमर सैनी
नोएडा। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) को जोड़ने और दादरी व ग्रेटर नोएडा के बीच आवागमन को आसान बनाने के लिए पल्ला के पास रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) अब छह लेन का होगा। इसे चार लेन का बनाया जा रहा था। आईआईटीजीएनएल की पहल पर दो और लेन बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है।
बता दें कि आईआईआईटीजीएनएल (इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड) की ओर से बोड़ाकी के पास मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किया जा रहा है। यह बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ है। एमएमटीएच में तीन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बोड़ाकी हाल्ट को ग्रेटर नोएडा रेलवे टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही अंतरराज्यीय व स्थानीय बस स्टैंड और मेट्रो कनेक्टिविटी की भी सुविधा मिलेगी। ग्रेटर नोएडा टर्मिनल से पूर्व दिशा की ओर जाने वाली 50 से अधिक ट्रेनें चलेंगी, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि की ओर जाने वाले यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी। उन्हें दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी तरह अंतरराज्यीय और स्थानीय बस अड्डे बनने से उद्योगों में काम करने वालों के लिए अपने घर जाना आसान हो जाएगा। यहां से स्थानीय बसें भी मिलेंगी। इसके अलावा डिपो स्टेशन से लेकर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो कनेक्टिविटी भी होगी, जो नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ेगी। इन परियोजनाओं की कागजी कार्रवाई अंतिम चरण में है। अगले छह महीने में इन सभी परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने की तैयारी है। इस बीच, पल्ला के पास रेलवे लाइन को पार करने के लिए रेलवे द्वारा चार लेन का ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। इस ओवरब्रिज को छह लेन का बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल ने प्रयास किए। इसके लिए आईआईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के साथ लगातार प्रयास किए। अब इसका लाभ मिला है। इस ओवरब्रिज को छह लेन का बनाने की मंजूरी मिल गई है। इस पर कुल व्यय करीब 194 करोड़ रुपये है, जिसमें से करीब 75 करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा और शेष राशि डीएफसीसी वहन कर रही है। इस पुल के बनने से कई लाभ होंगे। सबसे पहले तो ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली आदि पश्चिमी क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए ग्रेटर नोएडा रेलवे टर्मिनल तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा की 105 मीटर सड़क को एनएच-91 से भी जोड़ा जा रहा है, जिससे दादरी और ग्रेटर नोएडा फेज-2 क्षेत्रों से एमएमटीएच तक आवागमन आसान हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक एनजी रवि कुमार का कहना है कि पल्ला-बोड़ाकी के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज से न सिर्फ एमएमटीएच को लाभ होगा, बल्कि ग्रेटर नोएडा-दादरी के बीच रोजाना सफर करने वाले हजारों लोगों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।