
नई दिल्ली, 21 अगस्त : दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कैंसर पीड़ित मरीजों की पैलिएटिव केयर के लिए वीरवार को दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (डीएससीआई) के सहयोग से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य डॉक्टरों के ज्ञान और नैदानिक कौशल को सुदृढ़ करना था ताकि वे कैंसर, अंगों की गंभीर असफलता, एचआईवी और अन्य दीर्घकालिक रोगों से पीड़ित रोगियों को समग्र पैलिएटिव केयर प्रदान कर सकें। पहला तीन दिवसीय प्रशिक्षण फरवरी 2025 में हुआ था और अगला प्रशिक्षण सितंबर 2025 में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने ‘पैलिएटिव केयर के सिद्धांत और दायरा’, दर्द और लक्षण प्रबंधन तकनीकें, नैतिक और मनो-सामाजिक पहलू, डॉक्टर–मरीज–परिवार के बीच प्रभावी संवाद और ‘जीवन की अंतिम अवस्था में देखभाल तथा बहु-विषयक दृष्टिकोण’ को लेकर दिल्ली के 11 जिला अस्पतालों के 30 डॉक्टरों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
इस अवसर पर डीएससीआई के पेन और पैलिएटिव केयर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विक्रम प्रताप सिंह ने कहा, पैलिएटिव केयर स्वास्थ्य सेवाओं का अनिवार्य हिस्सा है, जो केवल मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवारों के लिए भी उतना ही जरूरी है। यह प्रशिक्षण हमारे डॉक्टरों को दयालु और रोगी-केंद्रित देखभाल प्रदान करने में सक्षम बनाएगा और जरूरतमंदों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करेगा।
डीएससीआई के संयुक्त निदेशक डॉ. रविन्दर सिंह ने कहा, इस पहल के माध्यम से हम प्रशिक्षित पेशेवरों का ऐसा समूह तैयार करना चाहते हैं, जो पैलिएटिव केयर को नियमित अस्पताल सेवाओं में समाहित कर सके, ताकि कोई भी मरीज उपचार के दौरान गरिमा और आराम से वंचित न रहे। भगवान महावीर अस्पताल के डॉ. ललित मदान, जिन्होंने इस प्रशिक्षण में भाग लिया का कहना था कि, हम हमेशा जीने की कला की बात करते हैं, लेकिन जब तक हम मरने की कला को कम से कम पछतावे के साथ नहीं सीखते, तब तक जीवन को पूर्णता के साथ नहीं जी सकते। इस तरह का प्रशिक्षण हमारे जीने के नजरिए को बेहतर बनाता है
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