
नई दिल्ली, 31 अगस्त : भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की होने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने खेलों को युवा सशक्तिकरण के मुख्य स्तंभ के रूप में स्थापित किया है। इसके लिए युवा मामले और खेल मंत्रालय को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 3,794 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन प्रदान किया है जिससे ‘विकसित भारत 2047’ विजन के लिए ‘खेल’ का क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण हो गया है।
यह जानकारी रविवार को पीआईबी के माध्यम से दी। इसके मुताबिक खेलो इंडिया, टॉप्स, फिट इंडिया और कीर्ति जैसी प्रमुख पहलें जमीनी स्तर की प्रतिभाओं का पोषण कर रही हैं और जन आंदोलन के रूप में फिटनेस को बढ़ावा दे रही हैं। साथ ही खेलों को राष्ट्रीय गौरव, आर्थिक विकास और वैश्विक नेतृत्व के वाहक के रूप में स्थापित कर रही हैं।
यहीं नहीं, खेल प्रतियोगिताओं में पहले से अधिक भागीदारी से लेकर वैश्विक स्पर्धाओं में पदक जीतने तक भारत ने रूपांतरकारी खेल यात्रा की है। राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम 2025 और खेलो भारत नीति 2025 जैसे सुधारों के साथ, भारत एक मजबूत इको-सिस्टम का निर्माण कर रहा है जिसने एथलेटिक क्षमता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों में बदल दिया है।
राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम 2025 में अनिवार्य एथलीट प्रतिनिधित्व, जेंडर समावेशन, सुरक्षित खेल नीति और पारदर्शी कदमों सहित ऐतिहासिक परिवर्तन किए गए हैं जो खेल निकायों को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकरणों के रूप में स्थान देते हैं। हालांकि भारत को अन्य देशों की तुलना में अधिक जनसांख्यिकीय लाभ प्राप्त है जिसके तहत यह विश्व में सबसे बड़ी युवा जनसंख्या वाला देश बन गया है।