उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में अंतिम फेज में जीटीसी का निर्माण
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -पहले फेज में 1.2 करोड़ मुसाफिरों को फायदा, वॉकिंग डिस्टेंस पर ट्रांसपोर्टेशन मिलेगी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) निर्माण अंतिम चरण में, जल्द शुरू होंगी वाणिज्यिक उड़ाने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) स्थित ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) निर्माण अंतिम चरण में है। इस साल के अंत तक कामर्शियल उड़ानें शुरू होने से पहले जीटीसी पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, जीटीसी को 20 एकड़ में टर्मिनल 1 और 2 के बीच एक मल्टीमॉडल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये यात्रियों को विभिन्न परिवहन साधनों से कनेक्टिविटी देगा। इसका डिज़ाइन ज्यूरिख एयरपोर्ट से प्रेरित है। पहले फेज में 1.2 करोड़ मुसाफिरों को लाभ देगा।पहले चरण में जीटीसी में 1,200 से अधिक सरफेस कार पार्किंग , कैब और टैक्सी वे व इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं। ये सभी सुविधाएं यात्री टर्मिनल से पैदल दूरी पर होंगी ताकि संचालन के साथ ही मुसाफिरों को सुविधा मिल सके। एयरपोर्ट-ब्रांडेड ईवी कैब, ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं, कार रेंटल, डीटीसी, यूपीएसआरटीसी, यूटीसी व हरियाणा रोडवेज़ की बसें जीटीसी से संचालित होंगी। इसके अलावा निजी शटल और पर्यटक सेवाएं भी यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेंगी।
हाई स्पीड रेल, रैपिड और पॉड से जुड़ेगी जीटीसी
जीटीसी में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ईंधन स्टेशन संचालित करेगा, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) सीएनजी और पीएनजी की सुविधा प्रदान करेगी, जबकि स्टेटिक कंपनी ईवी चार्जिंग नेटवर्क स्थापित कर रही है। जीटीसी को भविष्य में हाई-स्पीड रेल, रैपिड रेल, मेट्रो, बस, पॉड टैक्सी और लाइट रेल से जोड़ने की योजना है। पूरी तरह कार्यशील होने पर इसमें 4,500 कारें, 3,500 दोपहिया वाहन और 40 से अधिक बसें खड़ी हो सकेंगी। ऊपरी मंजिलों पर व्यवसायिक केंद्र, रेस्टोरेंट और यात्री लाउंज भी होंगे।
30 अक्टूबर तक तैयार होगा टर्मिनल
इस बीच एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल भवन भी लगभग पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महीने साइट का निरीक्षण कर सकते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (नागरिक उड्डयन) दीपक कुमार ने हाल में निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। 1,334 हेक्टेयर में फैले एयरपोर्ट के पहले फेज में 3,900 मीटर लंबा रनवे और मॉडर्न एटीसी टॉवर तैयार है।
डीजीसीए ने सर्वे किया पूरा
डीजीसीए का सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही एयरपोर्ट को संचालन लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। सीआईएसएफ ने सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है। पहले चरण में एयरपोर्ट हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। भविष्य में दूसरे टर्मिनल और रनवे जुड़ने के बाद इसकी क्षमता 7 करोड़ यात्रियों तक बढ़ जाएगी, जिससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा विमानन केंद्र बन जाएगा।
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