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उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी के 96 गांवों को साफ स्वच्छ बनाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी के 96 गांवों को साफ स्वच्छ बनाने की तैयारी

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, नोएडा।यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की गांवों को हराभरा और साफ स्वच्छ बनाने की तैयारी है। प्राधिकरण ने कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए प्रत्येक 96 गांव का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर अफसरों को जिम्मेदारी सौंपने का प्लान तैयार किया है। व्हाट्सऐप ग्रुप पर प्रतिदिन कार्यों का फीडबैक दिया जाएगा, जिसका सत्यापन करने के बाद ही जिम्मेदार अफसरों और सफाईकर्मियों को भुगतान होगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने साप्ताहिक बैठक में यह निर्णय लिया है। इसके अलावा उन्होंने विभागों से गुम हो रही फाइलों की मॉनिटरिंग के लिए 30 पेज तक की नोटशीट और 150 पेज तक कॉरेस्पोंडेंस तक बनाने का आदेश दिया हैं। इससे ऊपर पेज की संख्या होने पर संबंधित विभागाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अक्सर फाइल मोटी होने से हस्ताक्षर समेत फाइल चेकिंग के दौरान कागज गुम होने की संभावना बनी रहती है। वहीं, मोटी फाइलों को हाथ में उठाने तक में दिक्कत आती है। ऐसे में विभागों में फाइलों को छोटी करने के साथ विभागों को भी ऑनलाइन किए जाने पर बल दिया जा रहा है।

गांव की पेरिफेरी का सर्वेक्षण शुरू

लीजबैक समेत अन्य प्रकरणों व किसानों की समस्या को दूर करने के लिए प्राधिकरण ने तीन गांवों में पेरीफेरी बनाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल आकलपुर, म्याना और मकसूदपुर गांव का सर्वेक्षण किया जा रहा है। बता दें कि सेक्टर-10 के लिए इन गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। सेक्टर 10 में प्राधिकरण के पांच औद्योगिक पार्क समेत सेमीकंडक्टर यूनिट तक प्रस्तावित है।

सेक्टर-18 और 20 में 23 मिल्क बूथ का आवंटन

आवासीय सेक्टरों में बसने वाले लोगों के लिए प्राधिकरण ने सेक्टर-18 और 20 में 23 मिल्क एवं वेजिटेबल बूथों का मदर डेयरी को आवंटन कर दिया है। इन दोनों सेक्टरों में 52 ब्लॉक हैं, हर ब्लॉक में एक बूथ का आवंटन होना हैं। इसके अलावा सेक्टर-22डी में 16 ब्लॉक है। इन बूथों के खुलने से यहां आकर बसने वाले लोगों को रोजमर्रा के सामान के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बकायेदार आवंटियों के लिए फिर शुरू होगी ओटीएस

यमुना प्राधिकरण ने आठ हजार बकायेदारों को एक बार फिर मौका देने की योजना बनाई है। बता दें कि प्राधिकरण ने आवंटियों को बिना ब्याज भुगतान के लिए ओटीएस योजना शुरू की थी। यह योजना लंबे समय तक चली, लेकिन इसमें मात्र 682 आवंटियों ने ही आवेदन किया। ऐसे में प्राधिकरण स्टेक होल्डर्स से बातचीत करने के बाद योजना को दोबारा से लागू करने की तैयारी कर रहा है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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