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Siddhi 2.0 launch: आयुर्वेद की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा: सिद्धि 2.0 लॉन्च, साक्ष्य-आधारित उत्पादों पर राष्ट्रीय सम्मेलन

Siddhi 2.0 launch: आयुर्वेद की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा: सिद्धि 2.0 लॉन्च, साक्ष्य-आधारित उत्पादों पर राष्ट्रीय सम्मेलन

नई दिल्ली, आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अपनी प्रमुख उद्योग–अनुसंधान इंटरफेस पहल ‘सिद्धि 2.0’ (Scientific Innovation in Drug Development, Healthcare & Integration) का दूसरा संस्करण बुधवार को विजयवाड़ा में लॉन्च किया। इस राष्ट्रीय मंच का उद्देश्य साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक उत्पादों के शोध, नवाचार और उद्योग सहयोग को गति देकर आयुर्वेद के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को मजबूत बनाना है।

कार्यक्रम के दौरान औषधीय-ऐतिहासिक प्रकाशन ‘भारत में आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी औषधि विनियमों का विकास’ जारी किया गया तथा औषधि सूची प्रबंधन प्रणाली पोर्टल को भी लॉन्च किया गया।

CCRAS महानिदेशक प्रो. रविनारायण आचार्य ने कहा कि लाइफस्टाइल बीमारियों के तेजी से बढ़ने के दौर में आयुर्वेद का समग्र स्वास्थ्य-दृष्टिकोण और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता जा रहा है। उन्होंने CII तथा उद्योग जगत के साथ सीधे सहयोग को बढ़ावा देने में सिद्धि मंच की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने कहा कि SPARK, SMART और PDF Fellowship तथा शोध कार्यक्रमों से उत्पन्न होने वाले IPR को उद्योग के साथ साझा किया जाएगा, जिससे नवाचार को नई दिशा मिलेगी।

आंध्र प्रदेश आयुष निदेशक के. दिनेश कुमार ने कहा कि जहां आधुनिक विज्ञान ने जीवनकाल बढ़ाया है, वहीं आयुर्वेद स्वस्थ जीवनकाल सुनिश्चित करने में सक्षम है। उन्होंने एक राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा।
CCRAS उप महानिदेशक डॉ. एन. श्रीकांत ने जानकारी दी कि परिषद अब तक 150 से अधिक आयुर्वेदिक योगों को मान्यता दे चुकी है, जिनमें हर्बो-मिनरल संयोजन भी शामिल हैं।

सिद्धि 2.0 से उद्योग–संस्थान भागीदारी मजबूत होगी, जिससे आधुनिक विज्ञान और प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को जोड़कर आयुर्वेद को विश्व स्तर पर नई पहचान मिलने की उम्मीद है।

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