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New Delhi : “मोदी शताब्दी के नेता, भाजपा भविष्य की पार्टी : अरुण सिंह”

New Delhi : बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह से विशेष बातचीत डॉ. अनिल सिंह द्वारा, संपादक, STAR Views; एडिटोरियल एडवाइज़र, Top Story; पूर्व कार्यकारी संपादक, आज तक एवं स्टार न्यूज़; लेखक – “प्रधानमंत्री: भारतीय राजनीति में विमर्श” (2025)

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह से बातचीत करते हुए एडिटोरियल एडवाइज़र, Top Story

डॉ. अनिल सिंह: आज की विशेष बातचीत में हमारे साथ हैं श्री अरुण सिंह जी – भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद। उन्हें भाजपा के संगठनात्मक विस्तार और चुनावी मजबूती के प्रमुख वास्तुकारों में से एक माना जाता है। आपका बहुत-बहुत स्वागत है, अरुण सिंह जी।

अरुण सिंह: धन्यवाद अनिल जी, आपके साथ बातचीत करना सदैव सुखद अनुभव होता है।

1. संगठन महामंत्री के रूप में आपने जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूत करने के लिए कौन-कौन से प्रमुख कदम उठाए हैं?

अरुण सिंह: हमारा मुख्य लक्ष्य भाजपा को सर्वव्यापी बनाना है – हर बूथ, हर गांव, हर कोना – चाहे वह उत्तर-पूर्व के जंगल हों या तमिलनाडु की पहाड़ियाँ। हमने संगठन को संस्थागत रूप देने के लिए प्रशिक्षण, संपर्क और वैचारिक जुड़ाव की ठोस योजना पर काम किया है। हमारा उद्देश्य केवल राजनीतिक उपस्थिति नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिबद्धता है। हर बूथ पर भाजपा की विचारधारा – राष्ट्रवाद, सेवा और समावेशिता – झलकनी चाहिए।

2. भाजपा की लगातार चुनावी सफलताओं का क्या रहस्य है? क्या यह सिर्फ नेतृत्व की वजह से है या संगठन भी उतना ही महत्वपूर्ण है?

अरुण सिंह: यह नेतृत्व और संगठन, दोनों की सामूहिक शक्ति है। मोदी जी का नेतृत्व भारतीय राजनीति में अभूतपूर्व है-उनकी लोकप्रियता, विश्वसनीयता और निर्णायकता लोगों में विश्वास पैदा करती है। साथ ही, हमारा संगठन वैचारिक रूप से स्पष्ट और लोकतांत्रिक है। हमारे कार्यकर्ता प्रतिबद्ध, अनुशासित और उद्देश्य-प्रधान हैं। किसान का बेटा या शिक्षक का बेटा भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। यही भावना प्रदर्शन को प्रेरित करती है।

3. जिन राज्यों में भाजपा संगठनात्मक रूप से कमजोर रही है, वहां पार्टी किस तरह से अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है?

अरुण सिंह: भाजपा ने उन राज्यों में भी अपनी ताकत साबित की है जहां कभी पार्टी को कमज़ोर समझा जाता था–जैसे असम, हरियाणा, ओडिशा। अब तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी हम केवल लड़ नहीं रहे–जीतने के लिए मुकाबला कर रहे हैं। वहां की जनता को हमारी सुशासन नीति पर भरोसा है और मोदी जी की योजनाएं उन क्षेत्रों में भी असर कर रही हैं जहां हम पहले हाशिये पर थे।

4. क्या भाजपा बिहार में 2025 का चुनाव अकेले लड़कर सरकार बना सकती है या उसे जेडीयू पर निर्भर रहना पड़ेगा?

अरुण सिंह: हमारा गठबंधन जेडीयू, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और अन्य एनडीए दलों के साथ मजबूत है। भाजपा ने सदैव गठबंधन धर्म का पालन किया है। हमें पूरा विश्वास है कि एनडीए बिहार में प्रचंड बहुमत से विजय प्राप्त करेगा। जनता को नीतीश जी के अनुभव और मोदी जी की विकासवादी नीति पर भरोसा है।

5. क्या भाजपा अब रणनीतिक रूप से दक्षिण भारत पर ध्यान केंद्रित कर रही है – विशेषकर तमिलनाडु और केरल में?

अरुण सिंह: निःसंदेह। दक्षिण भारत हमारे राष्ट्रीय विस्तार की धुरी है। आंध्र प्रदेश में एनडीए पहले से सत्ता में है। कर्नाटक में हम मजबूत संगठन के बल पर वापसी को लेकर आश्वस्त हैं। तेलंगाना में हम कांग्रेस के खिलाफ सीधे मुकाबले में हैं। तमिलनाडु और केरल अब हमारे लिए दुर्गम नहीं हैं – हम संगठनात्मक स्तर पर मजबूत जड़ें बना रहे हैं।

6. पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में वैचारिक रूप से मजबूत दल हैं, भाजपा वहां कैसे जगह बनाएगी?

अरुण सिंह: बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की राजनीति दिखने में कैडर आधारित लगती है, लेकिन असल में वह डर और तुष्टिकरण की राजनीति है। भाजपा का संगठन अनुशासित और वैचारिक रूप से स्पष्ट है। 2019 में हमने 18 लोकसभा सीटें जीतीं। लोग बदलाव चाहते हैं। केरल में भी हमारे राष्ट्रवादी विचार को समर्थन मिल रहा है।

7. भाजपा के कार्यकर्ताओं का प्रधानमंत्री मोदी से किस प्रकार का जुड़ाव है?

अरुण सिंह: मोदी जी कार्यकर्ताओं के लिए सिर्फ नेता नहीं, बल्कि विश्वास, अनुशासन और राष्ट्रगौरव के प्रतीक हैं। उनका व्यक्तित्व संगठन को ऊर्जा देता है। राज्य चुनावों में हम स्थानीय नेतृत्व को सामने लाते हैं, पर मार्गदर्शन मोदी जी से ही आता है। वंशवादी पार्टियों के विपरीत, भाजपा में हम स्थानीय नेतृत्व को भी सशक्त बनाते हैं।

8. क्या भाजपा ने 2029 के आम चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है?

अरुण सिंह: हम केवल चुनाव लड़ने वाली पार्टी नहीं हैं – हम एक मिशन-आधारित संगठन हैं। हमारे कार्यकर्ता सालभर सेवा कार्यों में लगे रहते हैं – रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य जांच, वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान। यही है हमारा मॉडल – सेवा ही संगठन। चुनाव की तैयारी समाज सेवा से शुरू होती है, न कि नारों से।

9. क्या आगामी चुनावों में ‘INDIA’ गठबंधन भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है?

अरुण सिंह: यह तथाकथित ‘INDIA’ गठबंधन वैचारिक रूप से खोखला है। यह एक संदेह और स्वार्थ से भरा हुआ गठजोड़ है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आपस में ही उलझे हैं। बंगाल में टीएमसी कांग्रेस के साथ नहीं चलेगी। यह एक फोटो-ऑप से ज़्यादा कुछ नहीं। जबकि भाजपा ने 11 वर्षों में वह सब किया जो कांग्रेस 67 वर्षों में नहीं कर सकी। यही असली फर्क है।

10. क्या भाजपा में युवाओं को सही मायने में आगे बढ़ाया जा रहा है?

अरुण सिंह: बिल्कुल, और बहुत व्यवस्थित ढंग से। हमारी नई संगठनात्मक संरचना युवा और ऊर्जावान है। अधिकांश मंडल अध्यक्ष 45 वर्ष से कम आयु के हैं और जिला प्रमुख लगभग 55 के। हर स्तर पर हम अगली पीढ़ी के नेताओं को तैयार कर रहे हैं। भाजपा प्रतिभा को बढ़ावा देती है, न कि विरासत को।

11. महिलाओं को पार्टी संगठन में कितना प्रतिनिधित्व मिल रहा है? क्या भाजपा ने इस दिशा में पर्याप्त किया है?

अरुण सिंह: भाजपा एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जो मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक 33% महिला आरक्षण सुनिश्चित करती है। और यह हम पिछले 15 वर्षों से कर रहे हैं। यह केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि एक संरचित भागीदारी है। दिल्ली में हमारी सीएम उम्मीदवार भी महिला थीं। हमारा मानना है–प्रतिनिधित्व के साथ ज़िम्मेदारी भी होनी चाहिए।

12. क्या भाजपा अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है या वह केवल चुनाव जीतने की मशीन बन गई है?
अरुण सिंह: भाजपा कोई बाजारू पार्टी नहीं है – यह एक आंदोलन है। हम राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक गर्व और सुशासन की विचारधारा में अडिग हैं। हमारे कार्यकर्ता वैचारिक शपथ लेते हैं और संकट में सबसे पहले समाज सेवा में उतरते हैं-बाढ़ हो, महामारी हो या कोई आपदा। हम चुनाव इसलिए जीतते हैं क्योंकि हमारी विचारधारा जीवन में उतरी हुई है।

13. प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ का सपना दिखाया है। भाजपा इसमें क्या भूमिका निभाएगी?

अरुण सिंह: भाजपा कार्यकर्ता उस सपने के समर्पित सिपाही हैं। हम हर स्तर पर एकता, विकास और सकारात्मकता को आगे बढ़ा रहे हैं। स्वच्छ जल, आवास, रोज़गार, स्वास्थ्य–ये केवल योजनाएं नहीं, बल्कि मिशन हैं। जहां सरकार की योजनाएं नहीं पहुंचीं, वहां हमारे कार्यकर्ता पहुंचते हैं। 2047 का सपना केवल मोदी जी का नहीं–यह पूरे देश की आकांक्षा है। और भाजपा उस परिवर्तन की अगुवाई करेगी–गांव-गांव, घर-घर, मन-मन।

डॉ. अनिल सिंह: चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। भाजपा इस पर क्या दृष्टिकोण रखती है?

अरुण सिंह: प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करेगी। एनडीए को स्पष्ट बहुमत है, इसलिए हमें सुचारु और निर्णायक चुनाव की उम्मीद है।

डॉ. अनिल सिंह: क्या पार्टी कोई रणनीतिक उम्मीदवार मैदान में उतारेगी?

अरुण सिंह: इसका निर्णय शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। हमें विश्वास है – आंकड़े हमारे पक्ष में हैं।

डॉ. अनिल सिंह: इस खुली और व्यापक बातचीत के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, अरुण सिंह जी।

अरुण सिंह: धन्यवाद, अनिल जी। STAR Views और Top Story से बातचीत सदैव सार्थक होती है।

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