
नई दिल्ली, 8 अगस्त: वैज्ञानिक जिज्ञासा जगाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शुक्रवार को ‘शाइन यानि चमक’ नामक एक राष्ट्रव्यापी ओपन डे का आयोजन किया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर छात्रों को ‘एक दिन वैज्ञानिक के रूप में बिताने’ के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) और आईसीएमआर ने शाइन (एस.एच.आई.एन.ई.) कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें कक्षा 9-12 के 13,150 छात्रों ने भाग लिया। जो 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 39 जिलों के 300 से अधिक स्कूलों से पहुंचे थे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को स्वास्थ्य और जैव चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र से परिचित कराना, देश के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में आईसीएमआर के योगदान को उजागर करना और युवा शिक्षार्थियों को विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना था, जिससे 2047 तक विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा को समर्थन मिल सके।
इस अवसर डीएचआर के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, आज का दिन सिर्फ़ एक मुलाक़ात नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक के रूप में खुद को ढालने का एक आमंत्रण है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि आप वैज्ञानिक अन्वेषण की भावना को प्रत्यक्ष रूप से देखें, प्रश्न पूछें और उसका अनुभव करें। हमारे वैज्ञानिकों से जुड़ें और प्रयोगशालाओं का अन्वेषण करें। साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अनुसंधान में भारत की प्रगति को देखें। इसी तरह हम जिज्ञासा, प्रमाण और महत्वाकांक्षा के माध्यम से एक विकसित भारत का निर्माण करते हैं। कार्यक्रम में प्रयोगशाला भ्रमण, शोध प्रदर्शनियां, पोस्टर वॉक, वीडियो प्रस्तुतियाँ और चल रहे वैज्ञानिक कार्यों के लाइव प्रदर्शन जैसी कई इंटरैक्टिव गतिविधियां शामिल थीं।
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