
नई दिल्ली, 8 अक्तूबर : देश वासियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के मामले में मोदी सरकार ने बड़ी छलांग लगाई है। इसके तहत महज एक दशक में करीब 94 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जा चुका है और साल के अंत में लाभार्थियों की संख्या 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।
यह बातें केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बुधवार को मीडिया से संवाद के दौरान कहीं। उन्होंने कहा, पिछले एक दशक में भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। यह 2015 में 19% था जो 2025 में बढ़कर 64% से ज्यादा हो गया है। सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार की परिवर्तनकारी उपलब्धियों को अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (आईएसएसए) के साथ अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने भी मान्यता दी है। जिसे यूएनओ के तहत गठित किया गया है।
डॉ मांडविया ने कहा, आईएसएसए में भारत का बढ़ा हुआ वोट शेयर वैश्विक सामाजिक सुरक्षा संवाद को आकार देने में देश के बढ़ते प्रभाव और नेतृत्व को दर्शाता है। इस वोट शेयर के तहत भारत को 30 वोट का अधिकार मिला है जो किसी भी देश को मिला अधिकतम वोट करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, आईएसएसए ने ना सिर्फ असंगठित श्रमिकों के दुनिया के सबसे बड़े डेटाबेस में से एक, भारत के ई-श्रम पोर्टल की सराहना की है। बल्कि वैश्विक सम्मान के तौर पर आईएसएसए अवार्ड से भी नवाजा है। इससे पहले ब्राजील (2013), चीन (2016), रवांडा (2019) और आइसलैंड (2022) को यह सम्मान मिला है। 1927 में स्थापित, अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ में 158 देशों के 330 से अधिक सदस्य संगठन शामिल हैं।
दरअसल, मोदी सरकार ने नागरिकों को बीमारी, दुर्घटना, वृद्धावस्था और बेरोजगारी जैसे जोखिमों से बचाने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बनाई हैं। इनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना , और अटल पेंशन योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं, जो बीमा और पेंशन कवर प्रदान करती हैं। इसके अतिरिक्त, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति, स्वास्थ्य और चिकित्सा लाभ प्रदान करते हैं।
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