
नई दिल्ली, 24 मार्च: रेखा सरकार के पहले बजट में स्वास्थ्य पर फोकस रहेगा। जो दिल्ली की सत्ता में काबिज भाजपा के संकल्प पत्र का प्रमुख मुद्दा है। इसके तहत जनता को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज और प्रत्येक गर्भवती महिला को 21000 रुपये की आर्थिक मदद के साथ 6 पोषण किट मुफ्त देने के वादे किए गए थे।
मुफ्त इलाज का वादा आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत किया जाना है। इस योजना में शामिल होने वाले लाभार्थियों को दस लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके लिए 5 लाख दिल्ली सरकार और 5 लाख केंद्र सरकार देगी। वहीं महिला एवं शिशु कल्याण योजना के तहत राज्य की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को प्रसव के बाद 21 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही जच्चा और बच्चा की अच्छी सेहत के लिए 6 पोषण किट दी जाएंगी।
इस संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में एबी-पीएमजेएवाई की शुरुआत एक तरह से दिल्ली वालों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना के दो पहलू हैं। पहला लोगों को निजी अस्पतालों में बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए निशुल्क इलाज आसानी से मिल सकेगा। चूंकि अन्य राज्यों की अपेक्षा दिल्ली में गुणवत्ता पूर्ण रोगी देखभाल, बेहतरीन चिकित्सा और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुविधा वाले निजी अस्पताल बड़ी संख्या में मौजूद हैं। वहीं, अन्य राज्यों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने वाले निजी अस्पतालों की बकाया राशि का भुगतान न किया जाना दूसरा पहलू है जिसमें सुधार की जरुरत है।
उन्होंने कहा गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद वित्तीय सहायता देने का प्रावधान जच्चा -बच्चा के साथ समाज के लिए भी लाभदायक है। इससे गरीब परिवारों को आर्थिक मदद के तौर पर सामाजिक सुरक्षा मिल सकेगी। चूंकि प्रसव के बाद जरूरतमंद महिला को अक्सर अपने स्वास्थ्य की रिकवरी और नवजात शिशु के पोषण के लिए अच्छी खुराक नहीं मिल पाती है जो इस योजना के अमल में आने से दोनों (मां और शिशु) को मिल सकेगी।
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