
नई दिल्ली, 18 अगस्त : राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) ने आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा में रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य विषय को लेकर स्कोप कॉम्प्लेक्स सभागार में 30वें राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसका उद्घाटन पद्मभूषण पुरस्कार विजेता वैद्य और आरएवी के शासी निकाय के अध्यक्ष देवेंद्र त्रिगुणा, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रो.मंजूषा राजगोपाला, वैद्य मुकुल पटेल और वैद्य राकेश शर्मा ने सोमवार को किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन के विचार-विमर्श ने इस बात की पुष्टि की कि आयुर्वेद का ज्ञान बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को नए आयाम प्रदान कर सकता है। विशेषज्ञों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समय-परीक्षित प्रथाओं को आधुनिक वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ एकीकृत करने से न केवल निवारक बाल स्वास्थ्य सेवा में मदद मिलेगी, बल्कि उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का समग्र रूप से समाधान करने में भी मदद मिलेगी। ज्ञान का यह अभिसरण लचीली और स्वस्थ पीढ़ियों के निर्माण की नींव का काम करेगा।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रतापराव जाधव ने एक लिखित संदेश में कहा, आयुर्वेद ने हमेशा बाल स्वास्थ्य को एक समृद्ध समाज की आधारशिला माना है। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी बाल चिकित्सा देखभाल में रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य संवर्धन, दोनों के लिए आयुर्वेद के व्यापक दृष्टिकोण को उजागर करने की एक सामयिक पहल है। यहाँ होने वाले विचार-विमर्श से चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को लाभ होगा और आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने योग और आयुर्वेद को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की और बाल चिकित्सा स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आरएवी की सराहना की। उन्होंने आयुष क्षेत्र को मजबूत करने में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के योगदान की भी सराहना की। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रमुख आयुर्वेद विद्वानों, शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और छात्रों को एक साथ लाकर समग्र बाल चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाना है।
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