मन, शरीर, आत्मा के मध्य संतुलन व जड़ी -बूटियों का सेवन है आयुर्वेद
-राष्ट्रपति ने एआईआईए के 8वें स्थापना दिवस पर आयुष औषधि केंद्र का किया उद्घाटन
नई दिल्ली, 10 अक्तूबर: आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है जो जड़ी -बूटियों व औषधीय पौधों के माध्यम से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार करती है। यह दुनिया को भारत का अमूल्य उपहार है जिसमें मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हुए संपूर्ण स्वास्थ्य प्रबंधन पर जोर दिया जाता है।
यह बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के 8वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं। उन्होंने आगे कहा, आयुर्वेद हमारी विरासत है जिसे आयुष मंत्रालय प्रामाणिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति ने देश के पहले आयुष औषधि केंद्र के साथ आयुष एक्सपो का भी उद्घाटन किया। उनके साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव, सचिव आयुष वैद्य राजेश कोटेचा, एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा आदिवासी समाज में भी जड़ी-बूटियों तथा औषधीय पौधों के ज्ञान की समृद्ध परंपरा रही है। लेकिन जैसे-जैसे समाज आधुनिकता को अपनाता गया, हम प्रकृति से दूर होते गए और हमने उस पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना बंद कर दिया। हमारे लिए घरेलू उपचार अपनाने की जगह डॉक्टर से दवा लेना आसान हो गया। अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। एकीकृत चिकित्सा प्रणाली का विचार आज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। अलग-अलग चिकित्सा प्रणालियां एक-दूसरे की पूरक प्रणालियों के रूप में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में मदद कर रही हैं।
मुर्मु ने कहा, काफी लंबे समय से आयुर्वेद में हमारी अटूट आस्था रही है। कुछ लोग इसी आस्था का फायदा उठाकर भोले-भाले लोगों को ठगते हैं, भ्रामक जानकारी फैलाते हैं और झूठे दावे करते हैं। जिससे न केवल जनता के पैसे और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, बल्कि आयुर्वेद की छवि भी धूमिल होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को अशिक्षित डॉक्टरों के पास न जाना पड़े, इसके लिए अधिक से अधिक योग्य डॉक्टरों की जरूरत है। जिसे आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सा संस्थानों के छात्र पूरा कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में देश में योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टरों की उपलब्धता में इजाफा होगा।
विनय कुमार सक्सेना ने कहा, अगर हम पीछे देखें, तो 2017 में अपनी स्थापना के बाद से, एआईआईए ने दुनिया भर की स्वास्थ्य प्रणालियों में नई उम्मीद जगाई है। प्रतापराव जाधव ने कहा, आयुर्वेद बहुत तेजी से दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। इस संबंध में आज संस्थान परिसर में आयुष औषधि केंद्र की शुरुआत की गई है जहां नागरिकों को प्रामाणिक और सस्ती आयुर्वेदिक दवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। जल्द ही ऐसे केंद्र देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी खोले जाएंगे।