
अमर सैनी
नोएडा। प्राधिकरण कार्यालय के सामने एक महीने से धरने पर बैठे किसानों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। उन्होंने दोपहर में प्राधिकरण के एक गेट पर ताला लगा दिया। किसानों के हंगामे के कारण प्राधिकरण कार्यालय में प्रवेश करने वाले सभी गेट बंद हो गए। आम लोग, प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी तीन घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे। शाम को किसानों की एसीईओ और अन्य अधिकारियों से वार्ता हुई, जिसमें उन्हें जल्द मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया गया।
भारतीय किसान यूनियन मंच के बैनर तले किसान 38 दिनों से सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के सामने धरने पर बैठे हैं। किसानों की मुख्य मांगों में पांच और दस फीसदी भूखंड देने, आबादी का समाधान करने, पांच फीसदी भूखंडों पर व्यावसायिक कार्य की अनुमति देने समेत अन्य मांगें शामिल हैं। एक सप्ताह पहले नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी क्रांति शेखर और किसानों के बीच वार्ता हुई थी। इसमें ओएसडी ने आश्वासन दिया था कि किसानों को बताया जाएगा कि मांगों को लेकर प्राधिकरण ने क्या-क्या काम किए हैं और क्या बाकी है। इसके बावजूद किसी भी अधिकारी ने किसानों से बात करना उचित नहीं समझा। इसके चलते सोमवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। दोपहर करीब डेढ़ बजे उन्होंने प्राधिकरण के एक गेट पर ताला जड़ दिया। इसके बाद प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक अधिकारी के कार्यालय के सामने गेट पर बैठ गए। किसानों का हंगामा देख प्राधिकरण कार्यालय में आने-जाने वाले सभी गेट बंद कर दिए गए। ऐसे में प्राधिकरण से संबंधित कार्य से अंदर गए लोग फंस गए। प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और कर्मचारी बाहर भी नहीं आ सके। हालांकि पुलिस अधिकारियों द्वारा सूचना दिए जाने पर बीच में एक गेट खोलकर आम लोगों को बाहर निकाला गया। गेट के सामने बैठे किसानों का कहना था कि जब तक अधिकारी उनकी मांगों पर कोई जवाब नहीं देते, तब तक वे हटने वाले नहीं हैं। शाम को नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ, ओएसडी व अन्य अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई। इसमें जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया। यूनियन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा कि मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा।