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नई दिल्ली: मानव स्वास्थ्य व पर्यावरणीय कल्याण का वैश्विक समाधान है आयुर्वेद : जाधव

नई दिल्ली: -जन-जन के लिए आयुर्वेद- पृथ्वी के लिए आयुर्वेद थीम पर मनाया जाएगा 10 वां आयुर्वेद दिवस

नई दिल्ली, 19 सितम्बर : आयुर्वेद चिकित्सा एक समग्र, साक्ष्य-आधारित और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली है। जो अपनी प्रभावी क्षमता के मद्देनजर ग्रामीण और शहरी भारत में आज भी उपचार की सबसे अधिक प्रचलित प्रणाली बनी हुई है।

यह बातें केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहीं। उन्होंने आगे कहा, आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा विज्ञान ही नहीं है। बल्कि एक जीवन शैली है जो व्यक्तियों को उनके पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करती है। वह राष्ट्रीय मीडिया केंद्र (एनएमसी) दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे।

जाधव ने कहा, इस वर्ष 10वां आयुर्वेद दिवस अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा में मनाया जाएगा। इस वर्ष का विषय ‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद – वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय कल्याण के लिए आयुर्वेद’ को बनाया गया है। जो आयुर्वेद को एक स्थायी और एकीकृत समाधान के रूप में आगे बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के डीडीजी सत्यजीत पॉल, एआईआईए के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार प्रजापति और पीआईबी के प्रधान महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा मौजूद रहे।

जाधव ने कहा, भारत सरकार ने 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के लिए निश्चित वार्षिक तिथि के रूप में अधिसूचित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे इसे एक सार्वभौमिक कैलेंडर पहचान मिली है। उन्होंने कई जन-केंद्रित पहलों की भी घोषणा की। इनमें छात्रों के लिए स्वास्थ्य की ओर छोटे कदम, झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए अभियान, मोटापा नियंत्रण के लिए आयुर्वेद आहार जैसे जागरूकता अभियान और पादप एवं पशु चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद पर कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा कैंसर देखभाल का एकीकरण, आयुर्वेद का डिजिटल परिवर्तन और संहिता से संवाद -ग्रहीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक मीडिया साझेदारी- पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

डॉ. प्रजापति ने कहा, 10वें आयुर्वेद दिवस पर डिजिटल अभियान, राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 वितरण के अलावा मोटापे की रोकथाम और कैंसर जागरूकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही छात्र आउटरीच, पशु और पादप स्वास्थ्य और डिजिटल एकीकरण जैसे उप-विषयों पर भी काम किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय अपने -अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। उन्होने बताया कि इस दिन एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार भी आयोजित किया जाएगा जिसमें वर्ष 50 से अधिक देश भाग लेंगे। इनमें से अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, जर्मनी, जापान और मलेशिया सहित आठ देश अपनी भागीदारी को लेकर स्वीकृति दे चुके हैं।

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