नई दिल्ली, 21 नवम्बर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (यूसीएल) के साथ वीरवार को एक नया करार किया। जिसके तहत भारत और ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ वैश्विक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान, शिक्षा और क्षमता निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस करार पर एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास और यूसीएल के डॉ. माइकल स्पेंस ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान एम्स के डीन (शोध) और आरपी सेंटर के अध्यक्ष डॉ जीवन सिंह तितियाल ने बताया कि इस करार से दोनों संस्थानों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अनुसंधान में अपनी दीर्घकालिक साझेदारी को गहरा करने मदद मिलेगी। साथ ही वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और नवाचार को बढ़ावा देने प्रयासों का विस्तार हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि विषयगत चर्चाओं के बाद दोनों संस्थानों ने कुछ मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर काम शुरू करने पर सहमति जताई है। जिसके तहत दोनों देशों के स्वास्थ्य विशेषज्ञ तपेदिक जैसी संक्रामक बीमारियों, मधुमेह एवं मोटापे जैसी गैर-संक्रामक बीमारियों और कैंसर देखभाल, स्वास्थ्य सेवा पर पर्यावरणीय प्रभाव के साथ बाल स्वास्थ्य, दुर्लभ आनुवंशिक विकार व विकलांगता एवं ऑर्थोपेडिक के लिए मेडटेक समाधान पर विशेष ध्यान देंगे। साथ ही विकलांगता प्रबंधन एवं स्वास्थ्य सेवा प्रणाली स्वचालन के लिए नई तकनीकों का विकास करेंगे।
इस दौरान यूसीएल के प्रतिनिधिमंडल ने सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन एंड रिसर्च (योग सेंटर) सहित प्रमुख एम्स सुविधाओं का दौरा किया, जिसमें रोगी देखभाल और एकीकृत पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में प्रगति का प्रदर्शन किया गया।
30 से अधिक संयुक्त अनुसंधान प्रगति पर
एम्स और यूसीएल वर्ष 2019 से रणनीतिक साझेदारी के तहत 30 से अधिक शोध परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र तैयार किए हैं। साथ ही संचारी और गैर-संचारी रोगों, जीनोमिक्स और स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में उन्नत अध्ययनों के लिए बड़े शोध अनुदान प्राप्त किए हैं।