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उत्तर प्रदेश, नोएडा: पत्नी व बच्चों की आत्महत्या के मामले में पति की जमानत याचिका खारिज

उत्तर प्रदेश, नोएडा: पत्नी व बच्चों की आत्महत्या के मामले में पति की जमानत याचिका खारिज

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। सत्र न्यायालय ने पत्नी और दो मासूम बच्चों की आत्महत्या के मामले में आरोपी पति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामला थाना बिसरख क्षेत्र का है जहां वादी दिलीप कुमार ने अपनी बहन आरती की आत्महत्या के बाद राजकुमार और उसकी जेठानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
एफआईआर के अनुसार आरती की शादी वर्ष 2012 में राजकुमार से हुई थी। यह आरती की दूसरी शादी थी। इसके कारण उसका पति उसे पसंद नहीं करता था और अक्सर मारपीट करता था। कुछ समय बाद आरती को पता चला कि उसके पति राजकुमार का उसकी जेठानी के साथ अवैध संबंध है। इस कारण आरती पर मानसिक दबाव और प्रताड़ना बढ़ गई। आरती ने फोन पर परिवार को बताया कि घटना के दिन राजकुमार और जेठानी ने उसे मारा-पीटा और कहा कि हम दोनों ऐसे ही रहेंगे। इस मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आरती ने चार अप्रैल 2025 को घर में अपने दो मासूम बच्चों छह साल की बेटी सोहनी और चार साल के बेटे रोहान की गला दबाकर हत्या की और फिर खुद फंदा लगा लिया था।
आरोपी के अधिवक्ता ने राजकुमार ने कभी दहेज की मांग नहीं की। न किसी प्रकार की मारपीट की। वह मानसिक अवसाद में थी। पहले भी आत्महत्या के प्रयास कर चुकी थी। एफआईआर सात घंटे की देरी से हुई। इसका कारण नहीं बताया गया। सह आरोपी जेठानी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
वहीं, अभियोजन पक्ष ने कहा कि मृतका की पुत्री रोहिणी ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि उसके पिता राजकुमार और ताई उसकी मां को मारते-पीटते थे और घटना वाले दिन भी मारपीट की गई। अवैध संबंधों के कारण आरती को लगातार मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। जिसने उसे यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया।

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