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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नई तकनीक पर बनेंगे विद्युत उपकेंद्र, मानव रहित होगा संचालन

उत्तर प्रदेश, नोएडा: नई तकनीक पर बनेंगे विद्युत उपकेंद्र, मानव रहित होगा संचालन

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। शहर में बिजली सप्लाई का तंत्र सुव्यवस्थित बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण नए उपकेंद्र गैस इंसुलेटेड (जीआईएस) तकनीक पर बनवाएगा। यह उपकेंद्र मौजूदा की तुलना में करीब 1100 वर्ग मीटर कम जगह में बन जाएंगे। संचालन भी मानव रहित होगा। हर उपकेंद्र पर स्कॉडा सिस्टम विकसित होगा। इससे बिजली फॉल्ट होने पर सूचना उस स्थान के ब्यौरे के साथ मिलेगी।
सेक्टर या सोसाइटी में बिजली सप्लाई का स्रोत सिर्फ एक उपकेंद्र से नहीं होगा। दूसरे उपकेंद्र को भी वैकल्पिक तौर पर जोड़ा जाएगा। एक उपकेंद्र में खराबी आने पर दूसरे से बिजली सप्लाई स्वचलित उपकरण से शुरू हो जाएगा। प्राधिकरण के विद्युत यांत्रिक विभाग ने मुंबई महानगर में अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड के तंत्र का अध्ययन करने के बाद शनिवार को सीईओ डॉ. लोकेश एम को इस पर प्रस्तुतिकरण दिया। पिछले दिनों प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री व जीएम आर पी सिंह की अगुवाई में टीम मुंबई गई थी।

जीएम ने बताया कि पूरे शहर में सर्किट लाइन के लिए कई जगहों पर दो बिजली के खंभे खड़े कर व्यवस्था बनाई गई है। इसकी जगह पर अब भूमिगत रिंग मैन यूनिट (आरएमयू) बनाए जाएंगे। शहर से गुजरने वाली हाईटेंशनल लाइन को भी भूमिगत करने के काम शुरू किए जाएंगे। सीईओ ने इसके प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

शहर में मौजूदा समय में 1900 मेगावॉट मांग की सापेक्ष बिजली की उपलब्धता 1950 मेगावॉट है लेकिन बिजली सप्लाई में उपकेंद्र, लाइन से लेकर ट्रांसफार्मर तक के फॉल्ट से कई जगह समस्या आती है। बताया गया कि 2031 तक शहर में बिजली की खपत 2700 मेगावॉट की हो जाएगी।

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