Bashar Al Assad: सीरिया में गृह युद्ध खत्म,13 वर्षों की लड़ाई 13 दिन में खत्म, Bashar Al Assad सरकार का पतन
सीरिया में 13 वर्षों से चले आ रहे गृह युद्ध में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क सहित प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया। Bashar Al Assad सरकार का पतन हो गया और इसके व्यापक भू-राजनीतिक असर सामने आएंगे।
Bashar Al Assad: सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा: Bashar Al Assad सरकार का अंत
सीरिया में Bashar Al Assad परिवार के 50 वर्षों के शासन का अंत हो गया है। विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क सहित प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया, और राष्ट्रपति बशर अल असद को अपने परिवार समेत देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
गृह युद्ध की शुरुआत और मौजूदा हालात
साल 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान असद सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ। यह संघर्ष धीरे-धीरे गृह युद्ध में बदल गया, जिसमें अब तक 5 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। 13 वर्षों से चले इस युद्ध के दौरान 68 लाख से अधिक लोग बेघर हुए और लाखों ने शरणार्थी के रूप में विदेशों में शरण ली।
हाल ही में, कट्टरपंथी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने अन्य विद्रोही गुटों के साथ मिलकर प्रमुख शहरों पर कब्जा करना शुरू किया। नवंबर के अंत में, अलप्पो और इदलिब जैसे शहर विद्रोहियों के कब्जे में आ गए। इसके बाद राजधानी दमिश्क भी उनके नियंत्रण में आ गया।
विद्रोहियों का नेतृत्व और उनकी ताकत
एचटीएस, जिसका नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-गोलानी करते हैं, ने इस पूरे आक्रमण का नेतृत्व किया। यह संगठन पहले जबात-नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था और अल-कायदा से संबद्ध था। हालांकि, 2016 में इसने अल-कायदा से संबंध तोड़ लिए।
सीरिया में अस्थिरता के आसार
Bashar Al Assad सरकार के पतन के बावजूद, सीरिया में स्थिरता की संभावना कम है।
- अमेरिका और रूस का सीरिया में प्रभाव जारी रहेगा।
- ईरान और तुर्किये के हित भी क्षेत्र में टकराव बढ़ा सकते हैं।
- आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठन नए सिरे से अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं।
इजरायल और पश्चिम एशिया पर असर
सीरिया की अस्थिरता का सीधा असर इजरायल पर पड़ने की आशंका है। इजरायल पहले ही हमास और हिजबुल्ला से लड़ाई में उलझा हुआ है। अब विद्रोही गुट गोलान हाइट्स से इजरायल के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
Bashar Al Assad: भू-राजनीतिक बदलाव और भारत पर प्रभाव
सीरिया में जारी सत्ता परिवर्तन पश्चिम एशिया की भू-राजनीति को बदल सकता है। यह क्षेत्रीय व्यापार मार्गों और ऊर्जा संसाधनों पर नियंत्रण के लिए एक नया संघर्ष शुरू कर सकता है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में अस्थिरता के कारण भारत समेत अन्य देशों को भी झटका लग सकता है।
निष्कर्ष
सीरिया में Bashar Al Assad के पतन ने देश को एक नए दौर की ओर धकेल दिया है। जहां एक तरफ विद्रोही गुटों का कब्जा है, वहीं दूसरी ओर गृह युद्ध गहराने और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के दखल का खतरा मंडरा रहा है।
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