Monkeypox Virus: देश में बढ़ते मंकीपॉक्स को लेकर डॉ. अनिल गोयल से टॉप स्टोरी की खास बातचीत
देश में बढ़ते मंकीपॉक्स को लेकर डॉ. अनिल गोयल से टॉप स्टोरी की खास बातचीत
रिपोर्ट: रवि डालमिया
विश्वभर में कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है. कोरोना की तरह ही मंकीपॉक्स भी महामारी बनता जा रहा है. अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के चलते अब तक लगभग 100 लोगों की जानें जा चुकी है. वहीं अबतक अफ्रीकी देशों तक सीमित यह वायरस अब बाहर भी फैल गया है. जिसके बाद WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर कर दी है.देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस सामने आया है. इसी के साथ देश में अब तक इस वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 4 हो गई है. दिल्ली में मिले पहले मरीज का लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में इलाज चल रहा है.
मंकीपॉक्स को लेकर टॉप स्टोरी के संवाददाता ने डॉ. अनिल गोयल इस बीमारी के बारे में बातचीत की उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बाद से सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारी है, उनमें मंकीपॉक्स सबसे ज्यादा चर्चा में है. इसे एमपॉक्स भी कहते हैं. डॉ. अनिल गोयल ने बताया कि जिस तरह से इसके नाम में पॉक्स जुड़ा हुआ है. जैसे बचपन में एक स्मॉल पॉक्स और चिकन पॉक्स भी सुना है. यह बिल्कुल उसी तरह का होता है जैसे चेचक के दाग हो जाते हैं. पहले यह बंदरों में पाया गया था. बंदरों से इंसानों में फैल गया, अब इंसानों से इंसानों में भी फैलने लगा है.इसके लक्षण अन्य वायरल बीमारियों की तरह ही होते हैं. जैसे बुखार आना, मांशपेशियों में दर्द होना, सिर में दर्द होना और बेचैनी होना शामिल है. शरीर पर चकत्ते भी पड़ना शुरू हो जाते हैं.
डॉ. गोयल ने बताया कि मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीज को आइसोलेट करना जरूरी होता है. इससे वह किसी दूसरे को संक्रमित न कर सके. उन्होंने बताया कि इसमें मरीज को आइसोलेट करने का समय एक से दो सप्ताह तक रहता है. कुछ मामलों में चार सप्ताह तक भी होता है. डॉ. गोयल के अनुसार, मंकीपॉक्स फैलने के कई प्रमुख कारण हैं. मरीज से मरीज में फैलना, सेक्सुअल कॉटेक्ट से, एक दूसरे की चीजें जैसे टॉवल, साबुन, कपड़े आदि भी इस्तेमाल करने से फैलता है. ड्रॉपलेट से फैलने की संभावना कम होती है. लेकिन, बचाव तो करना ही चाहिए. हाथों की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें. यदि आप एमपॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो दस्ताने, फेसमास्क, आंखों की सुरक्षा और डिस्पोजेबल गाउन जैसे सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करें. खांसते या छींकते समय अपना नाक और मुंह ढकें. खांसने या छींकने वाले लोगों से दूरी बनाए रखें. संक्रमित व्यक्ति और उनकी किसी भी वस्तु जैसे कि उनके टिश्यू, लिनन या तौलिये के साथ शारीरिक संपर्क से बचें. किसी भी दूषित सतह को साफ और कीटाणुरहित करें.डॉ. गोयल ने बताया कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन भी ले सकते हैं। इसलिए इसका इलाज भी सिर्फ लक्षणों के आधार पर एंटीवायरल ही दे सकते हैं. इसलिए इसमें बचाव ही प्रमुख उपाय है.