सशक्त वैज्ञानिक अनुसंधान से बढ़ेगी होम्योपैथी की लोकप्रियता : द्रौपदी मुर्मु
-सशक्त अनुसंधान, दक्षता वृद्धि विषय के साथ यशोभूमि में मनाया गया विश्व होम्योपैथी दिवस
संतोष सूर्यवंशी
नई दिल्ली, 10 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, समाज के अनेक व्यक्ति जिनका उपचार के विभिन्न तरीकों से मोह भंग हो गया था, वे होम्योपैथी के चमत्कारों से लाभान्वित हुए हैं, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय में ऐसे अनुभवों को केवल तभी स्वीकार किया जा सकता है जब अनुभवों को तथ्यों और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया जाए। होम्योपैथी के संबंध में गंभीर वैज्ञानिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने से लोगों के विश्वास में इजाफा हो सकेगा।
राष्ट्रपति मुर्मु विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर बुधवार को यशोभूमि पारंपरिक केंद्र (द्वारका, दिल्ली) में आयोजित वैज्ञानिक सम्मेलन में बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा, वैज्ञानिक वैधता प्रामाणिकता का आधार बनती है और प्रामाणिकता के साथ स्वीकृति और लोकप्रियता दोनों में वृद्धि होती है। अनुसंधान को सशक्त बनाने तथा दक्षता बढ़ाने के आपके प्रयास होम्योपैथी को बढ़ावा देने में लाभकारी होंगे। इससे होम्योपैथी से जुड़े सभी लोगों को लाभ होगा, जिनमें डॉक्टर, मरीज, औषधि निर्माता और शोधकर्ता शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि होम्योपैथी शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार इस पद्धति को युवा विद्यार्थियों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा कहा, होम्योपैथी में, अन्य चिकित्सा पद्धतियों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच एकीकरण की अपार संभावनाएं हैं। इन प्रणालियों को एकीकृत करने के प्रयास, जहां उपयुक्त हो, उन रोगियों को लाभान्वित करेंगे जो स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक दृष्टिकोण चाहते हैं। इस समारोह में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के निदेशक डॉ. सुभाष कौशिक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना, डॉ. संगीता ए. दुग्गल, डॉ. पिनाकी एन त्रिवेदी, डॉ. जनार्दनन नायर, डॉ. तारकेश्वर जैन, डॉ. नंदिनी कुमार के अलावा नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश के 8 प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।