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RBI Monetary Policy 2025: रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव, लोन EMI पर नहीं मिलेगा फायदा

RBI Monetary Policy 2025:  RBI की ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया है। इसका सीधा असर यह होगा कि आपकी लोन EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी। जानें GDP और महंगाई से जुड़ी सभी अपडेट्स

RBI Monetary Policy 2025:  RBI की ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया है। इसका सीधा असर यह होगा कि आपकी लोन EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी। जानें GDP और महंगाई से जुड़ी सभी अपडेट्स

RBI Monetary Policy 2025: रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार की मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI Monetary Policy 2025) में रेपो रेट को 5.5% पर बरकरार रखा है। लगातार तीन बार रेपो रेट में कटौती के बाद यह पहली बार है जब कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फैसले का मतलब है कि लोन ले चुके उपभोक्ताओं को EMI में किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी।

RBI Monetary Policy 2025:   रेपो रेट स्थिर रखने का मतलब क्या है?

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई, बैंकों को अल्पकालिक ऋण (loan) प्रदान करता है। जब रेपो रेट कम होती है, तो बैंक सस्ते में लोन लेकर ग्राहकों को भी सस्ता लोन देते हैं, जिससे EMI घट जाती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

RBI MPC Meeting August 2025 Live Updates: REPO RATE में कोई बदलाव नहीं, 5.5% पर स्थिर- महंगाई पर मिली अच्छी खबर | Zee Business Hindi

RBI Monetary Policy 2025:  महंगाई दर पर RBI की नजर

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, कोर मुद्रास्फीति लगभग 4% के आसपास स्थिर बनी हुई है।

  • FY26 के लिए CPI मुद्रास्फीति का अनुमान: 3.1%

  • FY27 के लिए CPI मुद्रास्फीति का अनुमान: 4.9%

उन्होंने बताया कि ग्रामीण उपभोग (Rural Consumption) अब भी अनिश्चित बना हुआ है।

RBI MPC Meet 2025: EMI कम नहीं होगी! RBI ने रेपो रेट में बदलाव क्यों नहीं किया, जानिए पूरी वजह - RBI MPC RBI Repo Rate RBI keeps repo rate unchanged at

RBI Monetary Policy 2025:  GDP ग्रोथ को लेकर अनुमान

इस बार के मौद्रिक नीति संबोधन में आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी ग्रोथ पर भी प्रकाश डाला:

  • FY25 के लिए अनुमानित GDP Growth: 6.5%

  • FY26 के लिए अनुमानित GDP Growth: 6.6%

तिमाहीवार आंकड़े:

  • Q1: 6.5%

  • Q2: 6.7%

  • Q3: 6.6%

  • Q4: 6.3%

RBI Monetary Policy 2025:  मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट में बढ़ोतरी

गवर्नर के अनुसार, पहली तिमाही में मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट और बढ़ गया है। साथ ही सिस्टम लिक्विडिटी भी सरप्लस में रही है — औसतन ₹3 लाख करोड़ प्रतिदिन। उन्होंने बताया कि हालिया 100 बेसिस पॉइंट्स की CRR कटौती से लिक्विडिटी स्थिति में और सुधार होगा।

बैंकों की मौजूदा स्थिति

पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio): 17% से अधिक

नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM): 3.5%

ग्रॉस NPA: 2.2%

 लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR): 132%

क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात: 78.9%

बैंक क्रेडिट की ग्रोथ और प्रोफिटेबिलिटी

आरबीआई गवर्नर के अनुसार, बैंक क्रेडिट ग्रोथ बीते साल थोड़ी सुस्त रही, लेकिन कुल मिलाकर वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ा है:

  • FY24 में: ₹33.9 लाख करोड़

  • FY25 में: ₹34.8 लाख करोड़

बड़ी कंपनियां अब अधिकतर बॉन्ड मार्केट से फंड जुटा रही हैं और बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में वृद्धि हुई है।

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