नई दिल्ली, 7 अक्तूबर : एम्स दिल्ली में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को अब ईसीजी कराने के लिए न तो तकनीशियन का इंतजार करना पड़ेगा और न ही सेंट्रालाइज्ड ईसीजी केंद्र में जाना पड़ेगा। उन्हें ईसीजी की सुविधा अपने बिस्तर के पास ही मिलेगी।
फिलहाल, एम्स में भर्ती मरीजों का ईसीजी तकनीशियनों द्वारा किया जाता है जो अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों के ईसीजी करने के लिए विभिन्न विभागों में जाते हैं। वहीं, कुछ मरीजों को ईसीजी के लिए केंद्रीकृत ईसीजी सुविधा में भी भेजा जाता है। मगर, अब इस व्यवस्था में आमूल परिवर्तन होने वाला है। इस संबंध में एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने सोमवार को बताया कि अस्पताल के इनपेशेंट सेक्शन में ईसीजी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है जिसके तहत आगामी 31 दिसंबर तक प्रत्येक इनपेशेंट क्षेत्र में अत्याधुनिक डिजिटल ईसीजी उपकरण स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि ये उपकरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित होंगे और मरीज के हृदय जांच/ईसीजी रिपोर्ट की व्याख्या करने में सक्षम होंगे। इस व्यवस्था से रोगी स्थानांतरण की आवश्यकता में काफी कमी आएगी। वहीं, एम्स की प्रवक्ता डॉ. रीमा दादा ने बताया कि जटिल ईसीजी की समझ को और बेहतर बनाने के लिए, कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा एक ‘कमांड सेंटर’ स्थापित किया जाएगा। जो 24-घंटे काम करेगा। इस सेंटर में मरीजों के जटिल ईसीजी टेलीमेट्री से भेजे जा सकेंगे और कार्डियोलॉजिस्ट की राय और व्याख्या प्राप्त की जा सकेगी। डॉ. दादा ने कहा कि हमारा लक्ष्य अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ईसीजी सेवाओं को विकेंद्रीकृत करना और रोगी को तुरंत व सटीक नैदानिक सहायता प्रदान करना है।