Noida Metro Expansion: सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजनाओं पर बढ़ा इंतजार, मंजूरी की राह देख रहे यात्री

Noida Metro Expansion: सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो परियोजनाओं पर बढ़ा इंतजार, मंजूरी की राह देख रहे यात्री
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच बेहतर सार्वजनिक परिवहन की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन दो प्रमुख मेट्रो परियोजनाएं अब भी मंजूरी के इंतजार में अटकी हुई हैं। लगभग एक दशक से इन रूटों को लेकर कवायद जारी है, मगर निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। इन दोनों परियोजनाओं को क्षेत्र की ट्रैफिक समस्या और बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सेक्टर-38ए से सेक्टर-142 मेट्रो रूट पर अंतिम मंजूरी का इंतजार
पहला रूट नोएडा के सेक्टर-38ए बॉटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक प्रस्तावित है। इस कॉरिडोर की सभी तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। एनएमआरसी (नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) अधिकारियों का कहना है कि परियोजना केंद्र सरकार की कैबिनेट मंजूरी के अंतिम चरण में है। जैसे ही कैबिनेट की स्वीकृति मिलती है, निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। इस रूट के पूरा होने से नोएडा एक्सप्रेसवे से सटे इलाकों जैसे सेक्टर-93, 94, 98, 105, और 108 के लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक दूसरे रूट की तैयारी
दूसरा रूट सेक्टर-51 नोएडा से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक प्रस्तावित है। इस परियोजना की लागत लगभग ₹2991.60 करोड़ आंकी गई है और इसमें 11 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। इसे 2019 में उत्तर प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन अब केंद्र सरकार के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (PIB) की स्वीकृति का इंतजार है। PIB की मंजूरी के बाद ही प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा और इसके बाद निर्माण शुरू होगा।
इस रूट पर पहले सेक्टर-71 अंडरपास के पास पहले से चल रही एक्वा लाइन के सेक्टर-51 स्टेशन से कनेक्टिविटी को लेकर केंद्र सरकार की टीम ने तकनीकी आपत्ति जताई थी। उस आपत्ति के कारण डिजाइन में बदलाव करना पड़ा, जिससे परियोजना में देरी हुई।
बढ़ती आबादी से बढ़ी मेट्रो की जरूरत
नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र में आबादी तेजी से बढ़ रही है। गौर सिटी, पंचशील, एक्सप्रेसवेज़ और टेक जोन जैसे इलाकों में हजारों परिवार बस चुके हैं। बढ़ते वाहन और ट्रैफिक जाम की समस्या के बीच मेट्रो को इस क्षेत्र के लिए सबसे प्रभावी विकल्प माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मेट्रो के दोनों रूट शुरू होने से न केवल ट्रैफिक दबाव घटेगा बल्कि रोजगार और व्यावसायिक अवसरों में भी वृद्धि होगी।
एनएमआरसी का दावा है कि केंद्र स्तर पर सभी प्रक्रियाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही दोनों रूटों को कैबिनेट की अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच मेट्रो का सफर हकीकत बन सकेगा।




