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नई दिल्ली: राष्ट्रीय हितों के लिए सेना की हवाई व समुद्री ताकत का एकीकरण जरुरी : अनिल चौहान

नई दिल्ली: -क्षेत्र में उभरते खतरों से निपटने के लिए दोनों सेनाएं वास्तविक समय की खुफिया जानकारी करें साझा

नई दिल्ली, 27 फरवरी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने हिंद महासागर क्षेत्र में युद्ध शक्ति बढ़ाने पर आयोजित सेमिनार में वायु एवं नौसेना संचालन में तालमेल व एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर सीडीएस के साथ वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर भी मौजूद रहे।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की अनूठी भौगोलिक स्थिति समुद्री क्षेत्र को रणनीतिक हित का महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है। इसलिए राष्ट्रीय हितों की रक्षा और क्षेत्र में प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए वायु एवं नौसेना शक्ति का एकीकरण आवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि कैसे तकनीकी उन्नति, रणनीतिक साझेदारी और संयुक्त परिचालन अभ्यास भारत की रक्षा स्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

एयर चीफ मार्शल एसपी धारकर ने क्षेत्र में उभरते खतरों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के बीच वास्तविक समय की खुफिया जानकारी साझा करने और निर्बाध समन्वय के महत्व पर प्रकाश डाला। सेमिनार का आयोजन दक्षिणी वायु कमान मुख्यालय ने सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के सहयोग से किया गया, जिसका विषय ‘वायु एवं नौसेना बलों में तालमेल: हिंद महासागर क्षेत्र में युद्ध शक्ति बढ़ाना’ था। इस अवसर पर आधुनिक हवाई-समुद्री युद्ध रणनीतियों, समुद्री सुरक्षा में मानव रहित प्रणालियों की भूमिका और रक्षा तैयारियों पर विकसित भू-राजनीतिक गतिशीलता के प्रभाव पर भी चर्चा की गई।

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