दिल्लीभारत

नई दिल्ली: पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों से हो रहा शोध

नई दिल्ली: -स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका मजबूत करने एकत्र हुए मित्र देश

नई दिल्ली, 11 मई : भारत डीबीटी, डीएसटी, आईसीएमआर और सीएसआईआर जैसे प्रमुख संस्थानों के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा में एआई, जीनोमिक्स और बायोइनफॉर्मेटिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही राष्ट्रीय आयुष मिशन, आयुष आरोग्य मंदिरों के एकीकृत मॉडल और बीमा कवरेज के जरिये नागरिकों को पारंपरिक चिकित्सा संबंधी सुविधाएं प्रदान कर रहा है।

यह जानकारी आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा के मित्रों के समूह की छठी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कही। बैठक का आयोजन जिनेवा स्थित भारत के स्थायी मिशन में किया गया। बैठक में वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध विभिन्न देशों के राजदूतों के प्रतिनिधि एक साथ, एक मंच पर आए। उन्होंने अधिक सहयोग, ज्ञान के आदान-प्रदान और अनुसंधान साझेदारी का आह्वान किया।

इस अवसर पर उन्होंने पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा, क्षमता बढ़ाने और समान वैश्विक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में देश की भूमिका को रेखांकित किया। कोटेचा ने कहा, पारंपरिक चिकित्सा के मित्रों का समूह मई 2023 में भारत द्वारा बनाया गया था। इस अनौपचारिक मंच से डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश पारंपरिक चिकित्सा को स्वास्थ्य प्रणालियों में एकीकृत करने पर चर्चा करते हैं। इस संबंध में द्वितीय डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन आगामी 2-4 दिसंबर 2025 को भारत में आयोजित किया जाएगा।

Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ

Related Articles

Back to top button