
नई दिल्ली, 7 मार्च : शुक्रवार को देशभर में 7वां जन औषधि दिवस मनाया गया। इसके तहत लोगों को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही देशभर में सामुदायिक सहभागिता में मजबूती लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जन औषधि मित्र कार्यक्रम के जरिये नागरिकों को ना सिर्फ जन औषधि दवाओं और ब्रांडेड दवा विकल्पों के बीच महत्वपूर्ण मूल्य अंतर के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। बल्कि जन औषधि के माध्यम से होने वाली बचत की जानकारी भी प्रदान की जा रही है। जन औषधि मित्र के रूप में जुड़े स्वयंसेवक “जन औषधि : दाम कम – दवाई उत्तम” संदेश का भी प्रसार कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री की पहल पर जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसे वृहद स्तर पर प्रसारित करने के उद्देश्य से हर साल 7 मार्च को “जन औषधि दिवस” मनाया जाता है।
क्या है जन औषधि मित्र ?
केंद्र सरकार ने बुजुर्ग और बीमार लोगों को संकट के समय दवाएं मुहैया कराने के लिए “आओ जन औषधि मित्र बनें” कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत व्यस्क व्यक्ति स्वयंसेवक के रूप में अपना पंजीकरण कर सकते हैं और संकट के समय में कमजोर आबादी को आवश्यक जेनेरिक दवाइयां और सहायता प्रदान करने में योगदान दे सकते हैं। इस कार्यक्रम के पहले दिन 3000 से अधिक जन औषधि मित्रों ने पंजीकरण कराया। यह अभियान 9 मार्च 2025 तक चलेगा।