
नई दिल्ली, 21 फरवरी : एम्स दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन (डीडीए) करण सिंह ने शुक्रवार को रूमेटाइड गठिया वार्ड का लोकार्पण किया। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान और रूमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ उमा कुमार भी मौजूद रहे।
डीडीए करण सिंह ने बताया कि एम्स में गठिया रोगों के बेहतर उपचार के लिए ओल्ड राजकुमारी अमृत कौर भवन की पांचवीं मंजिल पर गठिया वार्ड स्थापित किया गया है। इसमें 20 बेड की सुविधा है और मरीजों के लिए अनेक लिफ्ट भी उपलब्ध हैं। डॉ मदान ने कहा कि करीब 9 साल पहले एम्स में आधिकारिक रूप से स्थापित रूमेटोलॉजी विभाग मरीजों की चिकित्सा के मामले में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि, यहां 2012 से ही रूमेटिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों को डे-केयर सुविधा प्रदान की जा रही है। लेकिन अब गठिया से पीड़ित गंभीर स्थिति वाले मरीज भर्ती होकर इलाज करा सकेंगे।
डॉ उमा कुमार ने कहा, नव स्थापित गठिया वार्ड एक हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) है। यानि यह अस्पताल का एक ऐसा विशेष क्षेत्र है जो उच्च प्रशिक्षित स्टाफ और स्माल पैथ लैब से सुसज्जित है। एचडीयू न सिर्फ गठिया से पीड़ित गंभीर मरीजों की गहन देखभाल प्रदान करेगा। बल्कि मरीजों को ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, केएफटी और एलएफटी जैसे परीक्षण और अल्ट्रासाउंड टेस्ट की सुविधा भी देगा। इन टेस्ट के लिए मरीज को वार्ड से अन्यत्र जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यहां ऑक्यूपेशनल थेरेपी और वोकेशनल काउंसलिंग भी उपलब्ध रहेंगे।
डॉ कुमार ने कहा, अक्सर हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों और संयोजी ऊतकों से जुड़ी समस्याओं (गठिया) से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन जब आर्थराइटिस (गठिया), ल्यूपस, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस, सोरायसिस आर्थराइटिस, गाउट, ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित मरीजों को एक से अधिक बीमारियां घेर लेती हैं तब उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे में उन्हें गठिया रोगों के उत्कृष्ट इलाज की सुविधा एचडीयू में भर्ती होकर भी मिल सकेगी।
एमडी रूमेटोलॉजी कोर्स होगा शुरू
डॉ उमा कुमार ने कहा, एम्स में नए एचडीयू की शुरुआत होने के साथ ही मेडिकल छात्रों के लिए रूमेटोलॉजी के क्षेत्र में पीजी कोर्स करने का रास्ता भी साफ हो गया है। जल्द ही नए कोर्स की शुरुआत की जाएगी जिसके पहले बैच में 4 सीटें होंगी। उन्होंने कहा, नई वार्ड सुविधा से जहां गंभीर मरीजों को त्वरित और उन्नत चिकित्सा उपलब्ध हो सकेगी। वहीं, अनुसंधान और नए उपचार विकल्पों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भविष्य में इस क्षेत्र में और अधिक प्रगति हो सकेगी।
Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ