नई दिल्ली, 23 जनवरी : सेना के डॉक्टरों ने एडवांस हार्ट फेलियर की समस्या से जूझ रही एक 49 वर्षीय महिला के सीने में ‘मैकेनिकल हार्ट’ का ट्रांसप्लांट करने में सफलता प्राप्त की है। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली का आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) देश का ऐसा पहला सरकारी चिकित्सा संस्थान बन गया है जो मैकेनिकल हार्ट ट्रांसप्लांट करने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एक पूर्व सैनिक की पत्नी (49 वर्ष) एडवांस हार्ट फेलियर की समस्या से जूझ रही थी और करीब दो वर्ष से अंगदान के जरिये ‘हार्ट’ मिलने का इंतजार कर रही थी ताकि हार्ट ट्रांसप्लांट के जरिये वह स्वस्थ हो सके। इस दौरान सेना अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को हृदय रोग से छुटकारा दिलाने के लिए ‘हार्टमेट 3 डिवाइस या लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी)’ का ट्रांसप्लांट किया। इस डिवाइस को ‘मैकेनिकल हार्ट’ भी कहा जाता है। ट्रांसप्लांट के बाद महिला की हालत स्थिर है और वह रिकवर हो रही है।
सेना के हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हार्टमेट 3 एलवीएडी एक अत्याधुनिक उपकरण है, जो हृदय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करता है। यह अंतिम चरण के हृदय विफलता वाले रोगियों के लिए जीवन रक्षक पुल के रूप में कार्य करता है और रोगियों को जीवन की नई आशा प्रदान करता है।