नई दिल्ली: भारतीय सेना के मूक योद्धाओं को मिला नया घर – परिवार
नई दिल्ली: - आशा स्कूलों व परोपकारी नागरिकों ने अपनाया सेना से सेवानिवृत 12 श्वान सैनिकों को
नई दिल्ली, 23 दिसम्बर : खतरनाक विस्फोटकों और बारूदी सुरंगों का पता लगाने से लेकर, हिमस्खलन में फंसे लोगों की जान बचाने और मादक पदार्थों की पहचान करने में सक्षम भारतीय सेना के 12 श्वान सैनिक रविवार को रिटायर हो गए।
ये कुत्ते देश की सेवा में कई ऑपरेशनल गतिविधियों में भाग लेने के साथ कठिन परिस्थितियों में तैनात रहे हैं। साथ ही ट्रैकिंग और गार्डिंग जैसे कार्यों में इनकी भूमिका अहम रही है। इन सैनिक कुत्तों ने अपने साहस और धैर्य से देश की सुरक्षा में योगदान देने के साथ अनेक बार अपनी जान पर खेलकर सेना के जवानों की जान बचाने का काम भी किया है। भारतीय सेना ने इन सभी 12 सेवानिवृत मूक योद्धाओं को 246वें रीमाउंट वेटरनरी कोर दिवस के अवसर पर आशा स्कूलों और परोपकारी लोगों को उपहार में प्रदान किए। फिलहाल भारतीय सेना रामपुर हाउंड, मुधोल हाउंड, कॉम्बाई, चिप्पीपराई और राजपालयम जैसी देसी नस्ल के कुत्तों को भी सैन्य कार्यों के लिए तैयार कर रही है।
रिमाउंट पशु चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने बताया कि अपनी समर्पित सेवा के बाद, इन कैनाइन योद्धाओं को मेरठ कैंट के रीमाउंट वेटरनरी कोर सेंटर और कॉलेज में कैनाइन जेरिएट्रिक सेंटर में लाया जाता है, जहां उन्हें बेहतरीन देखभाल मिलती है और वे अपने जीवन के अंतिम वर्षों में आराम से रहते हैं। उन्होंने बताया कि सेना की रिमाउंट पशु चिकित्सा कोर कुत्तों के प्रजनन, पालन, प्रशिक्षण और तैनाती का कार्य करती है ।
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