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Indian Army RVC: भारतीय सेना का रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर मना रहा 247वां कोर दिवस

Indian Army RVC: भारतीय सेना का रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर मना रहा 247वां कोर दिवस

नई दिल्ली। भारतीय सेना की सबसे पुरानी शाखाओं में से एक रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर (आरवीसी) ने रविवार को अपना 247वां कोर दिवस मनाया। लगभग 250 वर्षों से आरवीसी सेना के अभियानों में शामिल जानवरों की देखभाल और प्रबंधन के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आरवीसी न केवल सैन्य जनादेश पूरा करता है, बल्कि एनसीसी घुड़सवारी प्रशिक्षण, दूरदराज क्षेत्रों में मानवीय पशु चिकित्सा आउटरीच और संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भी योगदान देता है। यह मित्र देशों को प्रशिक्षित जानवरों का उपहार देकर मिलिट्री डिप्लोमेसी को बढ़ावा देता है। इसे 1779 में बंगाल में स्टड डिपार्टमेंट के रूप में शुरू किया गया था और 1960 में औपचारिक रूप से रिमाउंट एंड वेटरनरी कोर का नाम दिया गया।

कोर पशु रोगों से लड़ने, अनुसंधान बढ़ाने और भारत की वन हेल्थ तथा जूनोटिक रोग प्रबंधन पहलों में राष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करता है। अपने आदर्श वाक्य ‘पशु सेवा अस्माकं धर्म’ (पशुओं की सेवा हमारा कर्तव्य है) से निर्देशित, आरवीसी ने दोनों विश्व युद्धों और स्वतंत्रता के बाद के संघर्षों में बहादुरी से सेवा दी और राष्ट्रीय रक्षा तैयारियों में योगदान दिया।

आरवीसी पूरे सेना में एनिमल होल्डिंग यूनिट्स को घोड़े, खच्चर और सेना के कुत्तों की आपूर्ति, प्रशिक्षण और पालन का कार्य करता है। आठ विशेष कौशल में प्रशिक्षित सेना के कुत्ते आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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