FSSAI: खाद्य आयात में तेजी: एफएसएसएआई और सीबीआईसी के डिजिटल एकीकरण से व्यापार को मिली नई रफ्तार

FSSAI: खाद्य आयात में तेजी: एफएसएसएआई और सीबीआईसी के डिजिटल एकीकरण से व्यापार को मिली नई रफ्तार
नई दिल्ली, भारत में व्यापार को सुगम और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने डिजिटल क्लीयरेंस सिस्टम को एकल खिड़की इंटरफेस स्विफ्ट 2.0 के साथ एकीकृत कर दिया है। इस तकनीकी एकीकरण से न केवल खाद्य आयात निकासी प्रक्रिया अधिक तेज़ और पारदर्शी हुई है, बल्कि मानवीय हस्तक्षेप भी काफी हद तक कम हो गया है।
स्विफ्ट 2.0 से मिली व्यापार को नई दिशा
एफएसएसएआई ने कहा कि स्विफ्ट 2.0 (Single Window Interface for Facilitating Trade) एक राष्ट्रीय पोर्टल है जो भारतीय सीमा शुल्क विभाग के लिए ऑनलाइन ई-फाइलिंग सेवाएं प्रदान करता है। यह प्रणाली व्यापार, कार्गो ऑपरेटरों, और विभिन्न व्यापारिक साझेदारों को एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रदान करती है, जिसके माध्यम से वे सीमा शुल्क से संबंधित कार्य जैसे कि प्रवेश पत्र, शिपिंग बिल दाखिल करना और शुल्क भुगतान जैसी प्रक्रियाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से पूरी कर सकते हैं।
इस एकीकरण के चलते कार्गो निकासी में लगने वाला समय काफी कम हो गया है। पहले जहां मैन्युअल प्रक्रिया में कई स्तरों पर जांच और स्वीकृति की आवश्यकता होती थी, अब यह सब डिजिटल माध्यम से तुरंत हो सकता है। इससे व्यापारियों और आयातकों को लाभ मिल रहा है, क्योंकि उत्पाद जल्द बाजार में पहुंच पा रहे हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेही में बढ़ोतरी
एफएसएसएआई के अधिकारियों के अनुसार, नई प्रणाली ने पूरे निकासी तंत्र को सुव्यवस्थित कर दिया है। इस डिजिटल एकीकरण से जहां क्लीयरेंस में पारदर्शिता आई है, वहीं अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो गई है। किसी भी दस्तावेज़ या अनुमोदन में देरी की स्थिति को अब आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। इससे अनियमितताओं में कमी आएगी और आयात-निर्यात प्रक्रिया पर भरोसा बढ़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्विफ्ट 2.0 के माध्यम से भारत न केवल अपने “ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस” सूचकांक में सुधार करेगा, बल्कि वैश्विक व्यापारिक मानकों के अनुरूप भी अपनी प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाएगा। इससे विदेशी निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा और खाद्य आयात क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
एफएसएसएआई और सीबीआईसी का यह डिजिटल तालमेल भारत के व्यापारिक ढांचे में तकनीकी नवाचार का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न केवल कारोबारी माहौल को सशक्त करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगा।
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