मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्तों के साथ की अहम बैठक
अधिकारियों को दिए एक माह में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश, स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में हरियाणा को टॉप रैंकिंग में लाना लक्ष्य
समाधान शिविर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का त्वरित समाधान करें सुनिश्चित, कोई भी नागरिक असंतुष्ट होकर न लौटे – मुख्यमंत्री
रिपोर्ट : कोमल रमोला
चंडीगढ़, 24 अक्टूबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने शहरों में स्वच्छता पर जोर देते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आगामी एक माह में शहरों में सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसी भी शहर में कूड़े-कचरे के ढेर नहीं दिखाई दिए जाने चाहिएं। सरकार का लक्ष्य स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में हरियाणा को टॉप रैंकिंग में लाना है। इसलिए सभी को एक टीम की तरह मिलकर जिम्मेवारी के साथ काम करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री आज यहां शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा के लिए जिला नगर आयुक्तों (डीएमसी) और नगर निगम आयुक्तों (एमसी) के साथ एक अहम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री विपुल गोयल भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने समाधान शिविर की प्रगति, सफाई अभियान, आवारा पशु मुक्त शहर बनाने, संपत्ति आईडी, स्वामित्व योजना, कॉलोनियों के नियमितीकरण, पीएम स्वनिधि योजना, सड़कों की मरम्मत और विकास कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम को स्मार्ट सिटी बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए अधिकारी गुरुग्राम में सफाई से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के लिए पूरी तत्परता से काम करें। स्वच्छता अभियान में अच्छा काम करने वाले नगर निकायों को सम्मानित भी किया जाएगा। गलियों में जलभराव की समस्या के समाधान के संबंध में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक ड्रेनेज सिस्टम से संबंधित परियोजनाएं पूरी नहीं हो जाती, तब तक संबंधित अधिकारी सबसे पहले गलियों से पानी की समय पर निकासी करने पर जोर दें। उन्होंने कहा कि यदि कोई एजेंसी नालों की सफाई या सफाई व्यवस्था के काम में लापरवाही बरतती है तो उसे तुरंत ब्लैक लिस्ट किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि जरूरत पड़े तो सफाई कर्मचारियों की अतिरिक्त मैनपावर की जरूरत हरियाणा कौशल रोजगार निगम से पूरी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर पालिकाओं, नगर निगमों और नगर परिषदों में स्ट्रीट लाइटें लगवाना और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्रत्येक अधिकारी की प्राथमिकता होनी चाहिए, इसलिए इन परियोजनाओं से संबंधित कार्यों का समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। उन्होंने स्ट्रीट लाइटों की देखरेख और उन्हें समय पर बदलने के भी निर्देश दिए। नगर निकायों में सड़कों के सुदृढ़ीकरण के संबंध में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निकायों में किसी भी सड़क पर गड्ढे नहीं होने चाहिए। संबंधित अधिकारी सड़कों की मरम्मत की मॉनिटरिंग करें और पूरा कार्य तय समय में पूरा किया जाए। सड़कों की मरम्मत और रि-कारपेटिंग के कार्य में तेजी लाई जाए।
सूखा कचरे को जलाने की घटनाओं पर रखें निगरानी
शहरों में सूखा कचरा कूड़ा-कचरा और बागवानी अपशिष्ट जलाने की समस्या से निपटने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करें कि शहरों में कहीं भी सूखा कचरे को जलाने की कोई भी घटना न हो। यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उस पर त्वरित कार्रवाई करें। साथ ही, कचरा निपटान की भी उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
हरियाणा बने आवारा पशु मुक्त राज्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को जागरूक किया जाए कि पशुओं को सड़कों पर न छोड़े। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आवारा पशुओं को जल्द से जल्द गौशालाओं और नंदीशालाओं में स्थानांतरित किया जाए। राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं और नंदीशालाओं के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया है। इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धन की कमी के कारण आवारा पशुओं को स्थानांतरित करने का कार्य बाधित न हो। उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती जमीन पर गौशाला बनाने के लिए भी अनुदान दे रही है, ताकि सड़कों पर गौवंश बेसहारा न घूमे। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए जो बार-बार अपने पशुओं को बेसहारा छोड़ते हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
समाधान शिविर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का त्वरित समाधान करें सुनिश्चित, कोई भी नागरिक असंतुष्ट होकर न लौटे
मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में आयोजित किए जा रहे समाधान शिविरों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि समाधान शिविर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें और कोई भी नागरिक असंतुष्ट होकर न लौटे। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में आ रही विशिष्ट समस्याओं के समाधान के लिए विशेष डेस्क स्थापित किए जाएं। इसके अलावा, अधिकारी नागरिकों से फोन पर बात करके उनका फीडबैक अवश्य लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान शिविरों में आम जन की समस्याओं को सुनने वाले अधिकारी व कर्मचारी विनम्र रवैया अपनाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई नागरिक उनके पास शिकायत लेकर आया कि उसे अपनी समस्या के समाधान के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 अक्टूबर 2024 से प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक सभी 88 नगर निकायों में समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को समाधान शिविरों में ही स्वामित्व कार्ड वितरित करने की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी समाधान शिविरों में स्वामित्व कार्ड वितरित करने के लिए एक दिन तय करें और 30 नवंबर तक स्वामित्व कार्डों को वितरित करने पर जोर दिया जाए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संपत्ति पहचान पत्र के काम में लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए। लंबित मामलों को पूरा करने और विसंगतियों को दूर करने के लिए जिलेवार रोडमैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी निचले स्तर पर जिम्मेदारी तय करें ताकि कार्य में अनावश्यक देरी न हो।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री विकास गुप्ता, निदेशक श्री यशपाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।