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नई दिल्ली: बलि का बकरा नहीं हैं डॉक्टर : एम्स आरडीए

नई दिल्ली: - गोवा में कार्यरत डॉक्टर की कथित प्रताड़ना के विरोध में दिल्ली के डॉक्टर एकजुट

-डॉक्टर पर आपातकालीन वार्ड में पहुंचे मरीज को इंजेक्शन देने से इनकार करने का आरोप
नई दिल्ली, 8 जून : एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गोवा के सरकारी अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ डॉक्टर को स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कथित रूप से अपमानित और प्रताड़ित करने का विरोध किया है।

आरडीए अध्यक्ष डॉ. इंद्र शेखर प्रसाद के मुताबिक केवल एकतरफा शिकायत के आधार पर और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर के साथ दुर्व्यवहार करना न केवल अनुचित है बल्कि एक खतरनाक मिसाल है। हम इस मनमाने आचरण की कड़ी निंदा करते हैं। डॉक्टर बलि का बकरा नहीं हैं। वे सम्मान, सुरक्षा और सुनवाई के अधिकार के हकदार हैं। भावनात्मक हमला और सार्वजनिक रूप से शर्मसार करना अस्वीकार्य है।

उधर, गुरु तेग बहादुर अस्पताल के आरडीए का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि द्वारा ऐसा आचरण बेहद अनुचित और पद के अनुरूप नहीं है। किसी मेडिकल प्रोफेशनल को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना न केवल व्यक्ति की गरिमा को कम करता है, बल्कि समग्र रूप से मेडिकल पेशे में विश्वास को भी कमजोर करता है। हम गोवा के स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे उनके साथ किए गए अनुचित व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और चिकित्सा पेशेवरों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें।

क्या है मामला ?
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को फटकार लगाई थी और एक मरीज के साथ कथित ‘दुर्व्यवहार’ के लिए उन्हें तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया था। यह घटना उस समय हुई जब मंत्री सीएमओ डॉ. रुद्रेश कुर्तिकर के खिलाफ मिली एक शिकायत का निरीक्षण करने अस्पताल पहुंचे थे। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सीएमओ ने आपातकालीन वार्ड में आए एक मरीज को इंजेक्शन देने से इनकार कर दिया था।

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