उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में 21000 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी, बिल्डरों पर बकाया है 8500 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में 21000 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री अटकी, बिल्डरों पर बकाया है 8500 करोड़ रुपए

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा में बिल्डर-खरीदारों से जुड़े बकाया जमा करने और रजिस्ट्रेशन के मामलों में तेजी नहीं आ रही है। जिसके चलते 21000 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री अटक गई है। बताया जा रहा है कि बिल्डर अथॉरिटी का बकाया जमा करने के लिए बड़ी संख्या में आगे नहीं आ रहे हैं। वहीं फ्लैटों के रजिस्ट्रेशन के मामलों में भी ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। इन मामलों को लेकर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ जल्द ही समीक्षा बैठक करेंगे।
फ्लैट खरीदारों की सुविधा के लिए शासन ने अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करते हुए शासनादेश जारी किया था। इस शासनादेश में बिल्डरों को एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक कोविड काल में जीरो पीरियड देने का लाभ दिया गया था। इस शासनादेश को लागू हुए करीब सवा साल हो गया है, लेकिन अभी तक बिल्डरों का बकाया जमा करने के मामले में और न ही फ्लैटों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तेजी आई है। अभी तक करीब 2700 फ्लैटों की ही रजिस्ट्री हो पाई है।
अथॉरिटी को अब तक 600 करोड़ बकाया मिले
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, 21000 फ्लैटों की रजिस्ट्री प्रस्तावित है। इसके अलावा अथॉरिटी को करीब 600 करोड़ रुपए बकाया मिल चुके हैं, जबकि पहले चरण में शामिल बिल्डर परियोजनाओं पर करीब 8500 करोड़ रुपए बकाया है। इस पूरे मामले को लेकर सीईओ डॉक्टर लोकेश एम जल्द की समीक्षा बैठक करेंगे, जिसके बाद आगे रणनीति तय की जाएगी।
सर्वे के दौरान रजिस्ट्रेशन की धीमी गति का चला पता
बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रेशन की धीमी गति को लेकर सर्वे चल रहा है, जो अब पूरा होने वाला है। सर्वे के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ लोगों के पास बेनामी संपत्तियां हैं, जिसके चलते वे रजिस्ट्रेशन के लिए आगे नहीं आना चाहते। इसके अलावा कुछ लोगों के शहर से बाहर रहने, पैसे की कमी और बिल्डर का बकाया न चुकाने के कारण भी रजिस्ट्रेशन की गति धीमी है।