दिल्ली

Chhath 2024: दिल्ली में छठ से पहले यमुना में खतरनाक प्रदूषण, सरकार की नाकामी पर उठे सवाल

दिल्ली में छठ से पहले यमुना में खतरनाक प्रदूषण, सरकार की नाकामी पर उठे सवाल

रिपोर्ट: रवि डालमिया

छठ आने से पहले ही दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। यमुना के कालिंदी कुंज घाट पर आप देखेंगे तो यमुना के पानी के ऊपर आपको सफेद झाग की एक मोटी परत नजर आएगी। टॉप स्टोरी के संवाददाता को डीपीसीसी के बोर्ड सदस्य डॉ.अनिल गुप्ता ने बताया कि यह झाग दिल्ली सरकार की नाकामयाबी की झाग है। उन्होंने कहा कि जितने भी नाले यमुना नदी में गिरते हैं वह दिल्ली सरकार की गिरते है। जितने भी सीवेज ट्रीटमेंट का प्लांट का पानी गिरता है वह दिल्ली सरकार का है।

दरअसल ये सफेद झाग की मोटी परत यमुना में गिरने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के वेस्ट से बनी है.जो नालों से होता हुआ यमुना में आकर गिरता है और इस झाग के ऊपर आपको काले रंग की एक पतली सी लेयर भी दिखाई देगी दरअसल ये लेयर भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल वेस्ट की वजह से बनती है और ये काले रंग की पतली परत ही कैंसर और फेफड़ों की बीमारी का बड़ा कारण है। इतनी प्रदूषित यमुना होने के बावजूद भी लोग छठ के मौके पर यमुना के इस गंदे पानी में आस्था की डुबकी लगाते हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार के लचर रवैया की वजह से यमुना साफ नहीं हो पाती।

सरकार हर साल करोड़ों रुपए यमुना की साफ सफाई करने के लिए खर्च करती है लेकिन वह पैसा शायद कागजों में ही खर्च हो पता है जिसके चलते इसका असर यमुना के पानी में नहीं दिखता। इसी साल सितंबर के महीने में दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल समिति ने यमुना के सभी पॉइंट्स से यमुना के पानी के सैंपल कलेक्ट किए और जांच के लिए भेजे यमुना के पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो नतीजे बेहद चौंकाने वाले थे।

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