प्राथमिक सहकारी सोसायटियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी करें; विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह ने अधिकारियों को दिए निर्देश
– राज्य में सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता जताई
– प्राथमिक सहकारी सोसायटियों को पंजाब में सहकारी आंदोलन की रीढ़ बताया
– राज्य भर में सहकारी सोसायटियों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देश
रिपोर्ट : कोमल रमोला
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के आदेशों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव श्री वी.के. सिंह ने शनिवार को अधिकारियों को प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं (पी.ए.सी.एस.) के कंप्यूटरीकरण की चल रही प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे 31 दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए।
राज्य स्तरीय इम्प्लीमेंटेशन और मॉनिटरिंग कमेटी (एस.एल.आई.एम.सी.) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, विशेष मुख्य सचिव ने पंजाब में सहकारी आंदोलन की रीढ़ के रूप में प्राथमिक सहकारी सोसायटियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये सोसायटियां जमीनी स्तर पर किसानों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती हैं। श्री वी.के. सिंह ने कहा कि इन सोसायटियों के कंप्यूटरीकरण से उनके कार्यों में अधिक दक्षता और पारदर्शिता आएगी, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा।
विशेष मुख्य सचिव ने चल रहे कंप्यूटरीकरण की जिला स्तरीय स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को समय पर और प्रभावी ढंग से इस परियोजना को लागू करने का निर्देश दिया। कमेटी ने पंजाब में रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं, पंजाब और कृषि सहकारी बैंकों के कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण पर भी चर्चा की। श्री वी.के. सिंह ने उम्मीद जताई कि यह परियोजना पंजाब भर में सहकारी सोसायटियों के कामकाज को और अधिक सुचारू बनाएगी।
बैठक में अन्यों के अलावा सचिव सहकारिता-कम-प्रबंध निदेशक पंजाब राज्य सहकारी बैंक अनिंदिता मित्रा, रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विमल सेतिया, नाबार्ड, सहकारिता विभाग, पंजाब राज्य सहकारी बैंक के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।