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छोटे ठेकेदारों की छुट्टी, नेशनल कंपनी लेगी विकास की जिम्मेदारी

छोटे ठेकेदारों की छुट्टी, नेशनल कंपनी लेगी विकास की जिम्मेदारी

अमर सैनी

नोएडा : यमुना प्राधिकरण ने 81वीं बोर्ड बैठक में एक अहम और बड़ा फैसला लिया है। अब यमुना प्राधिकरण ने नए सेक्टरों के विकास के लिए एक नया मॉडल अपनाने का फैसला किया है। अब किसी भी सेक्टर या कोई भी विकास कार्यों को विकसित करने के लिए छोटे ठेकेदारों की छुट्टी हो हो गई। जिस जमीन का क्षेत्रफल 25 एकड़ या उससे अधिक होगा, वहां पर बड़ी कंपनी विकास कार्य करेंगी। इसके अलावा उस इलाके के 5 साल तक के विकास की जिम्मेदारी उसी कंपनी की होगी। इसके बाद जब मरम्मत का कार्य होगा तो कुल लागत का 5-10 प्रतिशत लगाया जाएगा। अभी 30-40 प्रतिशत तक पैसा लग जाता है।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि छोटे ठेकेदार काम की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही बरतते हैं और कम दरों पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते हैं। इससे प्राधिकरण को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। छोटे ठेकेदारों द्वारा लगाए गए बिल का मूल्य केवल 30-40 प्रतिशत होता है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एक नई योजना तैयार की है। अब जब भी कोई नया सेक्टर विकसित किया जाएगा, तो उसके पूरे विकास की जिम्मेदारी एक बड़ी निर्माण कंपनी को सौंपी जाएगी। यह कंपनी सेक्टर में बिजली, पानी, सड़कें, नालियां और पार्क आदि सभी बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी।

कार्य में कोई समझौता नहीं

डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि विकास कार्य पूरा होने के बाद भी यही कंपनी पांच साल तक सेक्टर का रखरखाव करेगी। इससे गुणवत्ता कायम रहेगी और प्राधिकरण को भी लगातार ठेकेदारों को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस नए मॉडल से विकास गतिविधियों को एक समग्र दृष्टिकोण मिलेगा और लागत में भी कमी आएगी। हालांकि, कुछ लोग इस योजना पर संदेह जता रहे हैं क्योंकि पिछले अनुभवों से ठेकेदारों की बदनामी का पता चलता है, लेकिन प्राधिकरण का कहना है कि वह इस बार सख्त निगरानी रखेगा और कोई समझौता नहीं होगा।

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