![फतेहगढ़ और शाहजहांपुर करते थे सप्लाई](https://topstory.online/wp-content/uploads/2024/04/gun_factory_gun_factory_in_patna_arms_smuggling_patna_stf_patna_bihar_1607139473-780x470.webp)
अमर सैनी
नोएडा। सेक्टर ईकोटेक-1 पुलिस और स्वाट टीम ने अवैध तमंचा बनाने की फैक्टरी का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। टेकजोन-1 स्थित बंद कंपनी में यह फैक्टरी चल रही थी। पुलिस ने फैक्टरी से 24 तमंचे और शस्त्र बनाने के उपकरण बरामद किए। पकड़े गए आरोपियों के तार पंखिया गिरोह से जुड़े हैं।
ग्रेटर नोएडा एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस की टीम को सूचना मिली कि पंखिया गिरोह के कुछ सदस्य इलाके में सक्रिय हैं और अवैध तमंचा बनाने की फैक्टरी चला रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस टीम ने टेकजोन-1 स्थित बंद कंपनी में छापेमारी की। इस दौरान बिल्डिंग के बेसमेंट में अवैध तमंचा बनाने की फैक्टरी चलती मिली। पुलिस ने मौके से दो लोगों को दबोच लिया। पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों ने अपना नाम जुबेर और मसील निवासी नई आबादी दादरी बताया। मसील फिलहाल सेक्टर-122 जनता फ्लैट में रहता था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान 24 बने हुए तमंचे, दो प्लास्टिक के थैले, एक वेल्डिंग मशीन, तमंचा बनाने के उपकरण आदि सामान बरामद किया।
फतेहगढ़ और शाहजहांपुर करते थे सप्लाई
पुलिस पूछताछ में दोनों बदमाशों ने बताया कि वह लोग फतेहगढ़ और शाहजहांपुर में सक्रिय पंखिया गिरोह से जुड़े हैं। वह गिरोह को आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए हथियार सप्लाई करते हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी जुबेर पर 11 मुकदमे दर्ज हैं। बीते दिनों चेकिंग के दौरान सेक्टर बीटा-2 पुलिस ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया तो वह अपना ऑटो छोड़कर भाग गए और काफी दिनों तक इलाके में छिपे रहे थे।
गिरोह के सदस्य डकैती भी डाल चुके
सेक्टर ईकोटेक-1 कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार ने बताया कि दो साल पहले सेक्टर बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में पंखिया गैंग ने मर्चेंट नेवी के चीफ इंजीनियर के घर में डकैती डाली थी। पुलिस ने गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार का घटना का खुलासा किया था। इस दौरान जेल में बंद पंखिया गैंग के बदमाशों से दादरी के रहने वाले जुबेर की जेल में मुलाकात हुई थी। जेल में मुलाकात के दौरान अवैध हथियार सप्लाई के लिए बातचीत हुई थी।
बंद कंपनी के बेसमेंट को बनाया ठिकाना
पुलिस ने बताया कि फैक्टरी का संचालन बंद पड़ी पांच मंजिला कंपनी के बेसमेंट में किया जा रहा था। यह कंपनी नोटबंदी के दौरान से बंद है। इसके चलते आरोपियों ने रेकी कर कंपनी को अपना ठिकाना बनाया। इसके बेसमेंट में अवैध हथियार बनाने का काम शुरू किया। बताया जा रहा है कि आरोपी यहां पिछले चार-पांच महीने से यह काम कर रहे थे। पुलिस आरोपियों के अन्य आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रही है।