सुरक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों की बढ़ी दिक्कतें
सुरक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों की बढ़ी दिक्कतें
अमर सैनी
नोएडा। मध्य पूर्व में बीते एक साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध का असर अब जिले की सुरक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर दिखाई देने लगा है। सुरक्षा उपकरण बनाने वाली इकाइयों से जुड़ी अन्य इकाइयों के उत्पादन पर इसका असर दिखाई देने लगा है। जिले में इजराइल से आयात और निर्यात करने वाली करीब 50 इकाइयां हैं। इनका सालाना इजराइल से एक हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इजराइल से सबसे ज्यादा सुरक्षा उपकरण बनाने वाली इकाइयों का कारोबार होता है। इन इकाइयों में इजराइल से कच्चा माल मंगाकर जिले में एसेंबल करके निर्यात किया जाता है। इन सुरक्षा उपकरणों को सबसे ज्यादा प्रयोग सरकारी विभागों की सुरक्षा में किया जाता है।
एनईए के उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे में सुरक्षा उपकरणों से जुड़े कच्चे माल के दामों भी कुछ उछाल आया है। ऐसे में उद्यमियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो रही है। उन्होंने बताया कि युद्ध ओर लंबा चला तो ऑटो मोबाइल इंडस्ट्रीज पर भी इसका असर दिखाई देने लगेगा। इन सुरक्षा उपकरणों का ज्यादातर प्रयोग कार, घर और संस्थानों की सुरक्षा में किया जाता है।
वहीं, सेक्टर-90 स्थित सुरक्षा उपकरण कंपनी के सीएमडी जीके सिंह ने बताया कि लगभग हर कंपनी दस से पंद्रह दिनों का माल स्टॉक करके रखती है। अब स्टॉक खत्म हो चुका है। युद्ध लंबा खींचने की वजह से दिक्कतें आने लगी हैं। पर्याप्त मात्रा में उपकरण नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इजराइज से आयात होने वाले सुरक्षा उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल मंत्रालय और सरकारी विभाग में अधिक होता है। इजराइल के सुरक्षा उपकरण महंगे होने की वजह से निजी सेक्टर में कम ही मांग रहती है।
आईआईए के सदस्य उद्यमी कुलमणि गुप्ता ने बताया कि नई तकनीक की सुरक्षा की हमेशा मांग रहती है। सुरक्षा उपकरणों के मामलों में इजराइल से आगे कोई देश नहीं है। ऐसे में इजराइल के सुरक्षा उपकरणों की हमेशा मांग करती है। उन्होंने बताया कि अभी सुरक्षा उपकरण इंडस्ट्रीज में असर आने लगा है।
उद्यमी अन्य देशों की तरफ रुख कर रहे
एनईए के उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि इजराइल से सबसे ज्यादा कारोबार सुरक्षा उपकरणों से जुड़ी इकाइयों का होता है। अब इजराइल-गजा का युद्ध लंबा चल रहा है। साथ ही इजराइल का अन्य पड़ोसी देशों से भी युद्ध शुरू हो चुका है। अब इसका असर दिखाई देना लगा। उन्होंने बताया कि इजराइल के बाद सुरक्षा उपकरण में शहर के उद्यमी चीन, ताइवान और वियतनाम आदि देशों की तरफ रुख करने लगे हैं।