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Noida Electricity System: नोएडा में विद्युत निगम की नई कार्यप्रणाली लागू, उपभोक्ताओं को मिलेगी निर्बाध बिजली और आसान समाधान

Noida Electricity System: नोएडा में विद्युत निगम की नई कार्यप्रणाली लागू, उपभोक्ताओं को मिलेगी निर्बाध बिजली और आसान समाधान

नोएडा में बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाने और उपभोक्ताओं की समस्याओं का तेजी से समाधान सुनिश्चित करने के लिए विद्युत निगम ने नई कार्यप्रणाली लागू कर दी है। यह नई व्यवस्था 15 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गई है। इसके तहत जिले के सभी अभियंताओं की जिम्मेदारियां, कार्यक्षेत्र और संचालन प्रणाली पूरी तरह पुनर्गठित कर दी गई हैं। इस बदलाव से 4.50 लाख उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति और अधिक पारदर्शी सेवाएं मिलने की उम्मीद है। अब तक जिले में आठ डिविजन कार्यालयों के माध्यम से बिजली सप्लाई, बिलिंग, कनेक्शन और शिकायत निस्तारण होता था, लेकिन नई व्यवस्था के बाद इसे अधिक संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया है। कानपुर, मेरठ और बरेली में यह मॉडल पहले ही लागू किया जा चुका है और अब नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर और मुरादाबाद में भी इसी तर्ज पर कार्य होगा।

नई संरचना के अनुसार अधीक्षण अभियंता प्रथम को अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) बनाया गया है, जो पूरे जिले में बिजली ढांचे को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। अधीक्षण अभियंता द्वितीय को अधीक्षण अभियंता (वाणिज्यिक) नियुक्त किया गया है, जिनकी जिम्मेदारी में बिलिंग, राजस्व व नए कनेक्शन जारी करना शामिल होगा। 33 केवी लाइन और 11 केवी/एलटी लाइन के लिए तीन-तीन अधीशासी अभियंताओं को तैनात किया गया है। जिले को तीन क्षेत्रों — स्टेडियम क्षेत्र, एक्सप्रेस-वे क्षेत्र और यीडा क्षेत्र — में बांटा गया है। यीडा क्षेत्र में दादरी, जेवर और दनौकर के क्षेत्र शामिल होंगे, जबकि एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे से जुड़े सेक्टर आएंगे। स्टेडियम क्षेत्र में नोएडा शहर के लगभग सभी सेक्टर शामिल किए गए हैं।

उपभोक्ता सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए विद्युत निगम ने जिले में आठ हेल्प डेस्क और एक विशेष हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है, जहां गलत बिल, गलत नाम-पते में सुधार, टैरिफ बदलाव, नए कनेक्शन और अन्य समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। हालांकि नई व्यवस्था देहात क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के लिए कुछ परेशानी बढ़ा सकती है, क्योंकि दादरी, जेवर, रबूपुरा और दनकौर जैसे क्षेत्र के लोगों को अब कनेक्शन से जुड़े कार्यों के लिए नोएडा आना पड़ेगा।

मुख्य अभियंता एसके जैन ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नई व्यवस्था लागू की जा चुकी है और इसके बाद उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी, साथ ही शिकायतों के समाधान की गति भी तेज होगी। जिले में वर्तमान में 108 बिजली उपकेंद्र, 1415 किमी लंबी 33 केवी लाइन, 810 किमी 11 केवी लाइन, 7730 किमी एलटी लाइन और 27,640 ट्रांसफार्मर विभिन्न क्षमताओं में कार्यरत हैं, जो इस नई व्यवस्था को प्रभावी बनाएंगे।

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