
नई दिल्ली, 18 सितम्बर: गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने फास्ट पेट्रोल वेसल (एफपीवी) ‘अक्षर’ बुधवार को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) को सौंप दिया। यह डबल इंजन वाला पोत, मत्स्य संरक्षण, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र, निगरानी, तटीय गश्त, तस्करी-रोधी, समुद्री डकैती-रोधी और खोज एवं बचाव अभियानों के लिए निर्मित किया गया है।
जीएसएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय ने कहा, यह पोत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आईसीजी के लिए बनाए जा रहे आठ अत्याधुनिक तीव्र गश्ती पोतों (एफपीवी) की प्रतिष्ठित श्रृंखला का दूसरा पोत है। यह 51.43 मीटर लंबाई और 8 मीटर चौड़ाई वाला, 2.5 मीटर के ड्राफ्ट पर 330 टन विस्थापन वाला गश्ती पोत है जो 27 समुद्री मील से अधिक की शीर्ष गति और 1,500 समुद्री मील की प्रभावशाली सहनशक्ति के साथ एक उन्नत एकीकृत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली से भी सुसज्जित है। इस अवसर पर नौसेना के रियर एडमिरल नेल्सन डिसूजा, डीआईजी वी.के. परमार, कमांडेंट (जेजी) सुभेंदु चक्रवर्ती और भारतीय तटरक्षक बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
आईसीजीएस अक्षर का हस्तांतरण न केवल देश की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक हितों के प्रति जीएसएल की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, बल्कि मेक इन इंडिया ढांचे के तहत विश्व स्तरीय, उच्च-प्रदर्शन प्लेटफार्म प्रदान करने की इसकी विरासत को भी पुष्ट करता है। जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक जहाज निर्माण केंद्र बनने की दिशा में एक नया रास्ता बना रहा है, जीएसएल रक्षा स्वदेशीकरण, तकनीकी प्रगति और भारत की नीली अर्थव्यवस्था के विस्तार में अग्रणी बना हुआ है।
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