
नई दिल्ली, 3 जून : देश भर में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार में तेजी के साथ राजधानी दिल्ली में भी कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हालांकि संक्रमितों में हल्के लक्षण पाए जा रहे हैं और वह घर पर रहकर ठीक भी हो रहे हैं। लेकिन को-मोर्बिडिटी से पीड़ित बुजुर्ग कोरोना वायरस के शिकार बन रहे हैं। ऐसे में नागरिकों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है, ताकि कोरोना को मात दी जा सके।
इस संबंध में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के वरिष्ठ डॉक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि वर्तमान कोविड संक्रमण के पीछे ओमीक्रॉन वायरस के चार वेरिएंट हैं। जो भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् द्वारा कोरोना संक्रमितों के नमूनों के परीक्षण से प्राप्त जानकारी के मुताबिक घातक नहीं हैं। इस संक्रमण की सबसे बड़ी वजह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना है। अगर हम अपनी इम्युनिटी पावर को मजबूत बना लें तो संक्रमण से बचा जा सकता है।
आयुर्वेदिक दवा कारगर
डॉ. प्रवीण ने बताया कि कोरोना के उपचार में परंपरागत चिकित्सा बेहद कारगर साबित हुई है। कोरोना से बचाव के लिए सुबह-शाम 6-6 ग्राम आयुर्वेदिक च्यवनप्राश का सेवन करें। गुडुचि घनवटी (500 एमजी) और अश्वगंधा (500 एमजी) की एक -एक गोली सुबह शाम खाली पेट लें। आयुर्वेदिक चाय ( तुलसी, दालचीनी, सोंठ, काली मिर्च ) का सेवन करें जो आयुष क्वाथ के नाम से उपलब्ध है। क्वाथ को 75 मिली पानी में गुड़ और मुनक्का उबालकर काढ़ा बना लें। फिर उसे पिएं। इसके अलावा अणु तेल की दो-दो बूंद नाक में डालें। इनसे व्यक्ति की इम्युनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
यूनानी दवा भी प्रभावी
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के यूनानी चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अब्दुल रहमान ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए यूनानी दवाएं प्रभावी हैं। लक्षण रहित कोविड-19 के मरीज सफुफ असगंद 5 ग्राम प्रति दिन, खमीरा मारवाड़ दिन में एक बार 3-5 ग्राम, तिर्यक अर्ब 3-5 ग्राम गुनगुने पानी के साथ लें। अर्क अजीब 2-3 बूंद प्याले में गर्म पानी के साथ डालें दिन में दो बार 5 मिनट के लिए भांप लें, तुरंत सांस लेने में राहत मिलेगी। वहीं हल्के लक्षण वाले मरीज यूनानी जोशांदा से तैयार उन्नाव 5 नं, बेहिदाना 3 ग्राम और सपिस्तान 9 नंबर लें। इन दवाओं को 250 मिली पानी में मिलाकर तबतक उबालें जबतक ये आधा ना रह जाए। इस काढ़े को छानकर हल्का गुनगुना होने पर दिन में एक बार सुबह पिएं। बुखार और गले में खराश होने पर हब ए मुबारक दिन में दो बार 20 मिली, शरबत ए तुत सियाह, लाओक-ए-सपिस्तान 10 ग्राम प्रतिदिन दो बार लें।
योग संक्रमितों को बना सकता है निरोग
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के योग क्लिनिक की प्रभारी डॉ. प्रतिमा वशिष्ठ ने बताया कि कोरोना संक्रमण कफ से जुड़ा है। इससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बलगम बढ़ जाता है जिसे परंपरागत पद्धति यानि योग से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए कपालभाति क्रिया और भ्रस्त्रिका व उज्जायी प्राणायाम किए जा सकते हैं। इस रोग के उपचार में कुंभक के बिना अनुलोम-विलोम (सांस को रोकना और छोड़ना), जलनेति, सूत्रनेति भी लाभदायक है। इसके अलावा सूर्यनमस्कार और स्कंध संचालन (कंधों को चलाना) किया जा सकता है। ये क्रियाएं फेफड़ों के लिए और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए फायदेमंद हैं।
कोरोना संक्रमण के लक्षण
हल्के कोविड-19 मामलों में अक्सर गले में खराश, हल्का बुखार, शरीर में दर्द, बंद नाक और सूखी खांसी शामिल है। हालांकि कई मामले लक्षण रहित भी होते हैं। इसके अलावा कुछ संक्रमितों को गंध और स्वाद का अहसास नहीं होता है।
बचाव के लिए क्या करें ?
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। भीड़ वाली जगहों पर ना जाएं। बाहर निकले तो मास्क पहनें। साबुन -पानी से हाथ धोकर, उन्हें स्वच्छ रखें। हैंड सैनिटाइजर साथ रखें। छींकते समय नाक और मुंह को रुमाल से ढकें। ठंडे पानी के प्रयोग और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें। पर्याप्त नींद लें। दैनिक भोजन में मौसमी फल-सब्जियों का प्रयोग करें।