उत्तर प्रदेश,नोएडा: सरस मेले में छूट का लाभ उठा रहे लोग, बड़ी संख्या में हो रही खरीदारी
उत्तर प्रदेश,नोएडा: सरस मेले में छूट का लाभ उठा रहे लोग, बड़ी संख्या में हो रही खरीदारी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश,नोएडा। सेक्टर-33ए स्थित नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले के अंतिम दिनों में चल रही छूट का लाभ उठाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। मेले में रविवार को काफी भीड़ देखने को मिली। त्योहारों को देखते हुए यहां लोगों ने घरेलू समान, मसाले, सजावटी सामान और कपड़ों की जमकर खरीदारी की। सोमवार को (आज) सरस मेले का समापन होगा। सरस आजीविका मेले में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। एनआईआरडीपीआर सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया ने बताया कि केंद्र सरकार के सरस आजीविका मेले का आयोजन प्रतिवर्ष देशभर के सभी राज्यों में किया जाता है। इसी कड़ी में नोएडा में यह पांचवी बार आयोजन है। इसमें सामानों पर अंतिम दिन तक 10 से 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उन्होंने बताया कि 10 मार्च तक चलने वाले इस उत्सव में करीब 20 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह महिलाएं हस्तकला, ग्रामीण संस्कृति और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। मेला वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेले के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। ये मेला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
पहाड़ी मसालों और दालों के स्टॉलों पर भीड़
सरस मेले में लोग जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड समेत पहाड़ी क्षेत्र के उत्पादों के स्टॉलों पर लोगों की भीड़ हैं। मेले के 17वें दिन देश के पहाड़ी राज्यों के उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। उत्तराखंड में प्रगति महिला ग्राम संगठन के उत्पादों में लोहे की कढ़ाई, फ्राईपेन, तवा और कृषि यंत्र शामिल हैं। इसके साथ ही लोग शुद्ध पहाड़ी दालें और मसाले भी खरीद रहे हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के सहायता समूह के उत्पादों में हस्त निर्मित सेपू बड़िया, चावल का आटा और गेहूं का शीरा की जमकर खरीदारी हुई।
हस्तशिल्प उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी
मेले में सभी राज्यों के हस्तशिल्प उत्पादों की काफी मांग है। मेले में आंध्र प्रदेश की कलमकारी, असम का मेखला सादोर, बिहार की मधुबनी पेंटिंग, छत्तीसगढ़ की कोसा साड़ी, गुजरात के पैचवर्क, झारखंड के तासर सिल्क, मध्य प्रदेश के चंदेरी और बाग प्रिंट, तमिलनाडु के कांजीवरम साड़ी और पश्चिम बंगाल के बालुचरी साड़ी जैसे उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पादों लोगों को आकर्षित किया।