उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद :एक माह में ले लें एनओसी, नहीं तो सील होंगे बोरवेल, पहले चरण में 14 सोसायटियों को नोटिस
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद :एक माह में ले लें एनओसी, नहीं तो सील होंगे बोरवेल, पहले चरण में 14 सोसायटियों को नोटिस
अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद । । भूजल दोहन के मामले में भूजल स्तर परिषद की ओर से 14 सोसाटियों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल ने बताया कि नोटिस जारी कर सोसायटियों को एक माह में एनओसी प्राप्त करने के लिए कहा गया है। भूजल का दोहन करने वाली अन्य सोसायटियों को भी नोटिस जारी किए जाएंगे। यदि किसी सोसायटी में बोरवेल है तो संबंधित आरडब्ल्यूए या एओए के पास एनओसी होनी जरूरी है। यदि किसी आरडब्ल्यूए या एओए ने पहले एनओसी नहीं ली है तो एक माह के अंदर यह काम पूरा कर लें, अन्यथा की स्थिति में बोरवेल सील किए जाएंगे।
गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र नोटिफाइड एरिया में आता है, इसलिए यहां कोई भी बोरवेल करने से पहले एनओसी जरूरी है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। लोग नियमों को ताक पर रखकर भूजल दोहन कर रहे हैं। टीएचए के अधिकतर इलाकों में गंगाजल आपूर्ति की जा रही ह लेकिन फिर भी सबमरसिबल के जरिए भूजल दोहन किया जा रहा है। भूजल परिषद के नोडल अधिकारी सृष्टि जयसवाल का कहना है कि ऐसे लोगों, आरडब्ल्यूए और एओओ के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। भूजल स्तर परिषद की नोडल अधिकारी सृष्टि जयसवाल ने बताया कि किसी भी बिल्डर को बोरवेल के लिए एनओसी नहीं दी जा सकती, इसलिए उन सोसायटियों को भी एनओसी नहीं मिल सकेगी, जिनमें रखरखाव का काम अभी बिल्डर के ही पास होगा। बिल्डर को एनओसी के अलग नियम हैं, उन्हें केवल निर्माण कार्य के लिए एनओसी दी सकती है। निर्माण के उद्देश्य से किए गए बोरवेल का उपयोग सोसायटी के उपयोग के लिए नहीं किया जा सकता। यदि बिल्डर की एनओसी पर सोसायटी के लिए बोरवेल संचालित होता मिला तो सख्त कार्रवाई होगी। सोसायटी के लिए केवल आरडब्ल्यूए या एओए को ही एनओसी मिलेगी।
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