अमर सैनी
नोएडा। आम्रपाली गोल्फ होम्स और किंग्सवुड के खरीदारों ने एनबीसीसी और वीसीएल पर काम पूरा न करने का आरोप लगाया है। साथ ही एओए के पदाधिकारियों ने इस मामले की शिकायत कोर्ट रिसीवर से भी की है। उनका कहना है कि सोसायटी के अंदर अभी भी काफी काम अधूरा है। सोसायटी में कुछ लिफ्ट काम नहीं कर रही हैं, जिसके लिए एनबीसीसी जिम्मेदार है। बिल्डर के लोग कुछ जगहों पर इंटरनेट कनेक्शन भी नहीं होने दे रहे हैं और डीजी सेट की भी टेस्टिंग नहीं हुई है।
निवासियों ने बताया कि अधूरे कामों को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। उनका कहना है कि 20-25 करोड़ रुपये के काम अभी भी लंबित हैं, लेकिन एनबीसीसी ने इन कामों को पूरा नहीं किया है। सोसायटी के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने आरोप लगाया कि एनबीसीसी जानबूझकर फ्लैट खरीदारों और एओए कमेटी को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रही है। एनबीसीसी और वीसीएल अधूरे कामों की जिम्मेदारी फ्लैट खरीदारों और एओए टीम पर डालना चाहते हैं। सोसायटी के कई हिस्सों में जेनरेटर सेवाएं शुरू नहीं की गई हैं। डीजी सेट खराब हालत में हैं। इंटरनेट वेंडरों को भी सोसायटी में सेवाएं देने से रोका जा रहा है, जिससे निवासियों को काफी परेशानी हो रही है। अधूरे काम के साथ सोसायटी को जबरन एओए को सौंपने का प्रयास किया जा रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है। जब तक सारा काम पूरा नहीं हो जाता, एओए कब्जा नहीं लेगी। अब कोर्ट रिसीवर से मांग की गई है कि एनबीसीसी और वीसीएल पर दबाव बनाया जाए कि वह जल्द से जल्द लंबित काम पूरा करे और सारी समस्याओं का समाधान किया जाए।
एओए द्वारा लगाए गए आरोप गलत
एनबीसीसी के अधिकारियों ने कहा कि सोसायटी का सारा काम पूरा हो चुका है। लिफ्ट की समय-समय पर एजेंसी द्वारा जांच की जाती है, जिसके बारे में एओए को भी बताया जाता है। डीजी की भी समय-समय पर जांच की जाती है। एओए द्वारा लगाए गए सारे आरोप गलत हैं। डी और जेट टावर में कब्जा शुरू हो गया है। दोनों टावर में लोग रहने लगे हैं। एओए को कब्जा लेने के लिए कहा गया है, लेकिन हर बार एओए कोई न कोई बहाना बना देता है। अधिकांश निवासी भी एओए के खिलाफ हैं। वहीं एओए ने कहा है कि 10 प्रतिशत लोगों के रहने के बाद वह दोनों टावर को अपने कब्जे में ले लेगा। इसके लिए भी कोर्ट रिसीवर को जल्द से जल्द अधिक से अधिक लोगों को कब्जा दिलाने को कहा गया है।