नई दिल्ली, 21 अगस्त: एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने बुधवार को संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे तुरंत काम पर लौट आएं, ताकि मरीजों की देखभाल सेवाएं सामान्य हो सकें। इसके साथ निदेशक ने सर्वोच्च न्यायालय के उस अनुरोध पर भी विचार करने के लिए कहा जिसमें हड़ताली डॉक्टरों से रोगी देखभाल हित में काम पर लौटने का आग्रह किया गया है।
डॉ श्रीनिवास ने कहा कि भारत सरकार स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सर्वोच्च न्यायालय भी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दे चुका है। वहीं, एम्स प्रशासन भी डॉक्टरों की चिंताओं के निराकरण करने में जुटा है। उन्होंने कहा कि हमने एम्स दिल्ली में कार्यरत स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की तात्कालिक चिंताओं को दूर करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें डीन (शैक्षणिक), डीन (अनुसंधान), डीन (परीक्षा), चिकित्सा अधीक्षक (एच) और मुख्य सुरक्षा अधिकारी शामिल रहेंगे।
एम्स की प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने बताया कि निदेशक ने एम्स दिल्ली सहित एनसीआई झज्जर, एनडीडीटीसी गाजियाबाद, सीआरएचएसपी बल्लभगढ़ एम्स परिसर में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, कर्मचारियों, रोगियों और आगंतुकों की सुरक्षा का ऑडिट करने के लिए एक आंतरिक सुरक्षा समिति का भी गठन किया है। जिसकी अध्यक्षता बायोफिज़िक्स विभाग की प्रमुख प्रो. पुनीत कौर को सौंपी गई है जबकि मनोचिकित्सा विभाग के प्रो. प्रताप शरण, छात्रावास अधीक्षक प्रो. संजय राय, ट्रॉमा सर्जरी विभाग की प्रो. सुषमा सागर, रजिस्ट्रार प्रो. गिरिजा प्रसाद रथ, मुख्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल दिग्विजय सिंह को सदस्य बनाया गया है।
वहीं, ड्यूटी ऑफिसर डॉ. हिमांशु शर्मा इसके सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा फेम्स, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, छात्र संघ, ऑफिसर्स एसोसिएशन, नर्सेज यूनियन, युवा वैज्ञानिकों की सोसायटी और कर्मचारी संघ के एक -एक प्रतिनिधि भी समिति में शामिल किए जाएंगे। यह समिति किसी भी अतिरिक्त सुरक्षा एवं सुरक्षा उपायों के संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श करेगी और अपनी सिफारिशें निदेशक को सौंपेगी।