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घर बैठे आंखों का इलाज करेगा एम्स का एआई आधारित ऐप

-यह ऐप महज आंख की फोटो देखकर बताएगा मरीज को चश्मा चाहिए या कॉर्नियल ट्रांसप्लांट

नई दिल्ली, 2 सितम्बर: विभिन्न कारणों से आंखों के रोग से पीड़ित लोगों की सुविधा के लिए एम्स दिल्ली के नेत्र विज्ञान विषय के छात्रों ने एक ऐसा ऐप विकसित किया है। जो मरीज के सामान्य नेत्र रोग से लेकर कॉर्निया ट्रांसप्लांट तक का उपचार घर बैठे बताएगा।
का अस्पताल जाए बगैर इस ऐप की मदद से मरीज अस्पताल जाए बिना अपनी आंखों का उपचार करा सकेंगे।

इस संबंध में डॉ नूपुर और डॉ तविश ने बताया कि यह एआई आधारित ऐप है जो एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करता है। इस अत्याधुनिक ऐप पर ऐसी 2 हजार छवियां अपलोड की गईं हैं जो दृष्टि दोष और कॉर्निया प्रत्यारोपण की जरूरत वाले मामलों से संबंधित हैं। इनमें एक हजार छवि आंख में सफेदी की और एक हजार छवियां अन्य नेत्र रोग संबंधी हैं। उन्होंने बताया कि इस ऐप का लाभ देश के सुदूरवर्ती इलाकों और दुर्गम इलाकों में रहने वाले मरीजों को मिल सकेगा। जो अपरिहार्य कारणों से नेत्र रोग के उपचार के लिए अस्पताल नहीं जा पाते। इन लोगों के नेत्र रोग की जांच स्थानीय आशा कार्यकर्ता की मदद से की जा सकेगी। वह मरीज के दोनों आंखों की फोटो अपने मोबाइल फोन से क्लिक करके डॉक्टर को भेजेंगी और डॉक्टर उन फोटो को ऐप में सबमिट करेगा। यह ऐप तुरंत फोटो का विश्लेषण करके बताएगा कि मरीज की आंखों का इलाज महज चश्में से हो सकता है या फिर उसे कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की जरूरत है।

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